जानिए कितनी थी 1983 WC विजेता भारतीय टीम की सैलरी

दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड भले ही इस समय दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड हो, लेकिन आज ही के दिन जब कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम क्रिकेट ने वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब जीता था, तो टीम के खिलाड़ी उस समय पैसे बचाने के लिए अपने कपड़े खुद धुलते थे। 25 जून, 1983 को भारत ने फाइनल में विंडीज के खिलाफ लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में प्रतिष्ठित ट्रॉफी जीतकर दुनिया को चौंका दिया। कई खिलाड़ियों ने माना था कि वह घूमने की उम्मीद के साथ इंग्लैंड वर्ल्ड कप खेलने गए थे। लेकिन टीम के कप्तान कपिल देव के हार न मानने के जज्बे ने भारत को खिताब जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। मौजूद समय में भारत के लिए खेलने वाला कोई भी खिलाड़ी आसानी से करोड़ो रुपये कमा सकता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 39 साल पहले जब भारतीय खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप जीता था, तो उनकी सैलरी काफी कम थी। 

आज, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) दुनिया भर के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्डों में से एक है। मीडिया रिपोर्ट के बीसीसीआई की कुल संपत्ति 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की है। 1983 वर्ल्ड कप के दौरान हर बीसीसीआई ने प्रत्येक खिलाड़ी (टीम मैनेजर सहित) को मैच फीस के रूप में 1,500 रुपये, दैनिक भत्ता के रूप में तीन दिनों के लिए प्रति दिन 200 रुपये दिए गए। कुल मिलाकर हर खिलाड़ी और प्रबंधक को 2,100 रुपये मिलते थे।

इसके उलट भारतीय खिलाड़ी अब करोड़ों में कमाते हैं। भारतीय कप्तान, विराट कोहली हर साल 7 करोड़ रुपये कमाते हैं और इसमें वह पैसा शामिल नहीं है जो वह आईपीएल से कमाते हैं। इसके बाद, रणजी ट्रॉफी के खिलाड़ी चार दिवसीय खेल में प्रतिदिन 35,000 रुपये से अधिक कमाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यह हैरान करने वाला है कि 1983 में पूरी टीम को केवल 29,400 रुपये का भुगतान किया गया था।

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