महाराष्ट्र: ‘फंड फॉर वोट’ मामले में अजित पवार को मिली राहत, चुनाव आयोग ने कही यह बात

केंद्रीय चुनाव आयोग सख्त रुख अपनाते हुए लोकसभा चुनाव 2024 करवा रहा है। इस बीच शरद पवार के गढ़ बारामती लोकसभा सीट पर तेज राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। इस बीच बारामती के रिटर्निंग ऑफिसर ने एक रिपोर्ट में कहा है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा फंड से वोट मांगने पर की गई टिप्पणी के जरिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के कोई सबूत नहीं हैं।

शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने आचार संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में अजित पवार के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।

ईवीएम का बटन ज्यादा दबेगा तो फंड देने में अच्छा लगेगा

दरअसल, अजित पवार ने बारामती के इंदापुर में एक चुनावी रैली में कहा था, “जहां तक ​फंड का सवाल है, हम आपको जितना चाहें उतना देने में सहयोग करेंगे, लेकिन इसके लिए ईवीएम बटन की जरूरत है और उसे ज्यादा से ज्यादा दबाना होगा। अगर ईवीएम का बटन ज्यादा दबेगा तो मुझे भी फंड देने में अच्छा लगेगा, नहीं तो मुझे खुद को रोकना पड़ेगा।”

अजित पवार के पास राज्य में वित्त विभाग

बता दें कि अजित पवार के पास राज्य में वित्त विभाग है। इस टिप्पणी की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की थी। शरद पवार वाली एनसीपी ने अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था।

अजित पवार से जवाब मांगा- रिटर्निंग ऑफिसर

बारामती की रिटर्निंग ऑफिसर कविता द्विवेदी ने कहा कि उन्होंने शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की और अजित पवार से जवाब मांगा। द्विवेदी ने पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें कहा गया है कि उन्होंने अजीत पवार के भाषण का वीडियो देखा है और आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।

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