हजारों-करोड़ की योजनाएं सामने आने के साथ संतों को निहाल कर रही अयोध्या की स्वर्णिम आभा

हजारों-करोड़ की योजनाएं सामने आने के साथ स्वर्णिम अयोध्या की आभा ने संतों को निहाल कर दिया है। अंत:करण में प्रस्फुटित आस्था के अंकुर यत्र-तत्र अभिव्यक्त भी हो रहे हैं। संतों को विश्वास है कि रामनगरी के विकास की दिशा में हुई पहल का असर जल्दी दिखने लगेगा, जिसे त्रेतायुगीन समृद्धि और गौरवशाली रामराज्य के संदेश रूप में दुनिया का मार्गदर्शन करने वाली यह नगरी पुन: अपने परम वैभव को प्राप्त होगी। इसकी कुछ झलक अभी से मिलने भी लगी है।

बिंदुगाद्याचार्य स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य कहते हैं कि अयोध्या सदियों से आस्था का केंद्र रही है और जिस प्रकार से यहां के विकास के लिए योजनाएं बनाई गईं हैं, उससे आने वाले कुछ ही वर्षों में रामनगरी की समृद्धि और संपन्नता दुनियाभर में आदर्श रूप में स्थापित होगी। जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य कहते हैं कि जैसे हमने राममंदिर निर्माण का भूमिपूजन देखा है, वैसे ही अयोध्या को बदलते हुए भी देख रहे हैं और पूर्ण विश्वास है कि रामनगरी शीघ्र ही त्रेतायुगीन वैभव से पूर्ण होगी। रामवल्लभाकुंज के संत राजकुमार दास कहते हैं कि पूरी दुनिया में न सिर्फ अयोध्या की प्रवाही परंपरा शिरोधार्य हुई है, बल्कि अब इसका विकास भी नए प्रतिमान गढ़ेगा। नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास कहते हैं कि यह सिर्फ राममंदिर का ही भूमिपूजन नहीं, बल्कि एक तरह से यह अयोध्या की तस्वीर बदलने का भी पूजन था।

उदाहरण के तौर पर वे 84 कोसी परिक्रमा पथ के निर्माण की योजना गिनाते हैं। महंत धर्मदास कहते हैं कि हमें पूर्ण विश्वास है कि राममंदिर का भूमिपूजन अयोध्या के लिए विकास के नए युग का भी सूत्रपात है। तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति त्रिपाठी कहते हैं कि तमाम योजनाओं पर अमल भी शुरू हो गया है और बदलाव दिखने भी लगा है। अब लगता है कि कुछ ही वर्षों में अयोध्या त्रेतायुगीन आभा से युक्त हो जाएगी। उदासीन आश्रम के महंत डॉ. स्वामी भरतदास कहते हैं कि अयोध्या के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, वह निश्चित रूप से रामनगरी को नया स्वरूप देगी।

प्रख्यात कथावाचक राधेश्याम शास्त्री कहते हैं कि अब यह विश्वास जगा है कि निश्चित रूप से कुछ ही वर्षों में रामनगरी का स्वरूप बदल जाएगा। हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास कहते हैं कि अयोध्या किसी एक नहीं, बल्कि सभी आयामों में बदलने वाली है। कथाचावक संत रामभूषण दास कृपालु कहते हैं कि हमने जिस अयोध्या का सपना वर्षों से देख रखा था, अब वह जल्द ही पूरा होगा। महंत रामचंद्रदास कहते हैं कि भूमिपूजन के बाद से अयोध्या उल्लास में डूबी है। यह उल्लासी वातावरण हर किसी को आनंद में सराबोर कर देने वाला है। रामादल के अध्यक्ष पं. कल्किराम कहते हैं कि राममंदिर निर्माण से रामनगरी का आॢथक तंत्र भी तेजी से वृद्धि की ओर जाएगा। विशेषज्ञ भी यह मानते हैं कि पर्यटन उद्योग के सभी आयामों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker