जानें आखिर क्या है थर्ड हैंड स्मोक के बारे में और किस तरह ये पहुचता है आपको नुकसान

सिर्फ धूम्रपान करने वालों या उसके आस-पास खड़े होने वालों को ही इससे नुकसान नहीं पहुंचता बल्कि धूम्रपान वाले स्थान पर बाद में जाने वालों को भी नुकसान पहुंचता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं वे अपने शरीर, कपड़ों और हाथों में भी हानिकारक रसायन लेकर घूमते रहते हैं जो बाद में वातावरण में प्रवाहित होते रहते हैं। इससे आस-पास रहने वाले लोगों को भी नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ता है। एक हालिया शोध में यह खुलासा हुआ है।

क्या है थर्ड हैंड स्मोक : 
आमतौर पर थर्ड हैंड स्मोक सिगरेट पीने के बाद बचे हुए रसायन को कहते हैं। ये हानिकारक रसायन उस जगह की दीवारों, फर्श और अन्य स्थानों पर चिपक जाते हैं जहां धूम्रपान किया गया होता है। येल ड्रू जेंटनर के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध में बताया गया है कि अगर कोई एक ऐसे कमरे में बैठा है जिसमें किसी ने धूम्रपान नहीं किया तो भी वो व्यक्ति सिगरेट के धुंए के संपर्क में आ सकता है। यह इस पर निर्भर करता है कि उस कमरे में इससे पहले कोई धूम्रपान करने वाला व्यक्ति आया था या नहीं।

ऐसे किया अध्ययन : 
जेंटनर के प्रोफेसर ने कहा,  लोग दूसरे वातावरण में थर्ड हैंड स्मोक के हानिकारक पदार्थों  के वाहक बनते हैं।कोई भी सिर्फ सिगरेट के धुएं के संभावित स्वास्थ्य प्रभावों से इसलिए बचा हुआ नहीं है क्योंकि वे सेकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में नहीं आए। शोधकर्ताओं ने सिनेमा हॉल में दीवारों पर जांच की।

धूम्रपान छोड़ने के लिए कभी देर नहीं होती
धूम्रपान छोड़ने के लिए कभी देर नहीं होती। एक शोध के अनुसार मनुष्य के फेफड़ों में अपनी मरम्मत करने की ताकत होती है। यदि आप वर्षों से धूम्रपान कर रहे हैं और आज से ही इसे छोड़ देते हैं, तो फेफड़ों की शक्ति खराब हुई कोशिकाओं को दुरुस्त कर देती है।

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