अफगानिस्तान में तालिबान कैदियों की रिहाई को लेकर मचा विद्रोह, शांति वार्ता को लेकर पैदा हो गया संकट

दिन प्रतिदिन बढ़ रहे जुर्म के मामले ने आज एक विकराल रूप ले लिया  है. वहीं इस वर्तमान युग में हर कोई इस बात से परेशान है कि आखिर कब तक इस समस्या का समाधान मिलेगा. जंहा अफगानिस्तान में तालिबान कैदियों की रिहाई को लेकर फिर गतिरोध पैदा हो गया है. सरकार ने कैदियों की रिहाई का फैसला फिलहाल टाल दिया है. इसके चलते सरकार और तालिबान के बीच होने वाली शांति वार्ता को लेकर संकट पैदा हो गया है.

मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हाल ही में 1,500 तालिबान कैदियों को रिहा करने की घोषणा की थी. सरकार ने यह घोषणा तालिबान के साथ वार्ता से पहले सद्भावना प्रदर्शित करने के लिए की थी. हालांकि इससे पहले राष्ट्रपति गनी ने तालिबान कैदियों को रिहा करने से इन्कार कर दिया था. सरकार के इस रुख के कारण उसकी तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता खटाई में पड़ गई थी.

वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका का तालिबान के साथ हुआ समझौता खतरे में पड़ गया था. इसी के बाद गनी को तालिबान कैदियों की रिहाई के लिए तैयार किया गया. वहीं यदि सुइटरों कि बात करें तो बीते शनिवार यानी 14 मार्च 2020  को अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जावीद फैसल ने कहा, कैदियों की रिहाई का मसला फिलहाल टल गया है. तालिबान की सूची के अनुसार कैदियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कुछ समय चाहिए, हम उस पर कार्य कर रहे हैं.

 

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