अधिकारियों की हीला हवाली से नहीं स्वीकृत हो रहे मनरेगा के कार्यों के स्टीमेट

स्टीमेट स्वीकृत न होने से दर्जनों पंचायतों में मजदूरों का फावड़ा थमा

भरुआ सुमेरपुर। अधिकारियों के हीला हवाली से मनरेगा योजना के कार्यों के प्राक्कलन (स्टीमेट) समय से स्वीकृत न होने से ब्लॉक की कई पंचायतों में मनरेगा के कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं. जिससे ग्राम प्रधान एवं सचिव परेशान हैं. अंदर खाने चर्चा है कि एडवांस कमीशन न मिलने के कारण स्टीमेट स्वीकृत करने में देरी की जाती है. स्टीमेट स्वीकृत न होने से मजदूरों का फावड़ा थम गया है.
मौजूदा समय में ब्लॉक की एक दर्जन से ज्यादा ग्राम पंचायतों के मनरेगा कार्यों के प्राक्कलन (स्टीमेट) होने के लिए विकास खंड कार्यालय की मनरेगा वेबसाइट में अपलोड है. मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी खंड विकास अधिकारी ने इसको 10 दिन से ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी स्वीकृत नहीं किया है. इससे पंचायतों में मनरेगा के कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं. जिन कार्यों को स्वीकृति दी जानी है.
उनमें चक मार्ग निर्माण, तालाब खुदाई, समतलीकरण, खेत तालाब आदि कार्य शामिल है. खंड विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृति न दिए जाने से मनरेगा योजना से जुड़े तकनीकी सहायक, रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव निराश हैं.
अंदर खाने चर्चा है कि स्टीमेट स्वीकृत कराने के लिए एडवांस कमीशन की शर्त लागू कर रखी गई है. कमीशन न मिलने के कारण इनको लटका कर रखा गया है.
मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी खंड विकास अधिकारी ने कमीशन की बात को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि तकनीकी सहायक, ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव को निर्देशित किया गया है कि जिस कार्य का एस्टीमेट बनाया गया है। उस कार्यस्थल में कभी किसी तरह का कार्य न कराया गया हो इसका प्रमाण पत्र दाखिल करें. तभी स्टीमेट स्वीकृत किए जाएंगे. इसके साथ ही स्थलीय निरीक्षण भी किया जाएगा।
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