तीसरी लहर से बेखबर परिवहन निगम
बांदा,संवाददाता। कोरोना गाइडलाइन के पालन को लेकर अपर प्रबंध निदेशक के सख्त निर्देशों को परिवहन निगम हवा में उड़ाए है। सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर रोडवेज बसों में सफर कर रहे लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं।
रोडवेज बसों में सवारियां भूसे की तरह भरी जा रही हैं। महामारी के दौर में बसों में हो रही इस बेपरवाही से परिवहन निगम के अधिकारी अपनी आंखें फेरे हैं। चित्रकूटधाम मंडल परिवहन निगम के बेड़े में 404 बसें हैं। मौजूदा समय में 300 बसें सड़क हैं।
प्रतिदिन आठ से 10 हजार यात्री सफर करते हैं। 22 जून को अपर प्रबंध निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने समक्ष क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिए थे कि कोविड-19 महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।प्रथम व द्वितीय चरण के कोविड-19 में खासी जनहानि हुई है।
तृतीय चरण का अंदेशा जताया जा रहा है। ऐसे में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन किया जाए, पर शासन के इन आदेशों का रोडवेज बस स्टैंड व बसों में कोई पालन नहीं हो रहा है। सैनिटाइजेशन तो दूर यात्री मास्क तक नहीं लगा रहे।बस स्टैंड में गोले नहीं बनाए गए हैं।
सामाजिक दूरी के लिए यात्री बेंच व कुर्सी में क्रास के निशान नहीं बनाए गए हैं। इससे कोरोना फैलने का खतरा मंडरा रहा है। निगम ने कोरोना को देखते हुए शासन के आदेश पर अंतरराज्यीय बसें बंद कर रखी हैं। फिर भी प्रतिदिन कानपुर, लखनऊ, झांसी व इलाहाबाद के रास्ते दिल्ली व मुंबई के यात्री आ-जा रहे हैं।
बसों में मास्क व सोशल डिस्टेसिंग का पालन न होने से अन्य यात्रियों में कोरोना का खतरा बढ़ गया है। महानगरों में अभी भी कोरोना का प्रकोप है। यात्रियों का कहना है कि कंडक्टर व ड्राइवर मास्क नहीं लगा रहे।
बस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता।बस स्टैंड में सफेद पेंट से गोले बनाएं। बेंचध्कुर्सी में दो ही लोग बैठें। एक कुर्सी छोड़कर दूसरी में क्रास का निशान लगाएं और पेंट से लिखें कि यहां न बैठें। ध्वनि प्रसारण यंत्र से यात्रियों को मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का संदेश लगातार प्रसारित किया जाए।
स्टेशन में तैनात कार्मिक यात्रियों को मास्क लगाने के लिए सचेत करें। बसों में बिना मास्क के कोई भी यात्री सफर न करे। प्रवर्तन दल चेकिंग के दौरान यह सुनिश्चित करे कि यात्री बस में मास्क लगाकर चल रहे हैं या नहीं।