श्रीरामकथा निवादा में तीसरे दिन शामिल हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल

हमीरपुर। जनपद के निवादा गाँव में दिव्यप्रेम सेवा मिशन द्वारा आयोजित आठ दिवसीय श्रीरामकथा का तीसरा दिन था। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश के वर्तमान राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला का आकर्षण का केंद्र रहें। सोमवार दोपाहर लगभग एक बजे निजी गाड़ी से निवादा पहुंचे। निवादा पहुंच कर ग्राम निवासी दुष्यंत सिंह व गुड्डू सिंह की गौशाला का निरीक्षण किया। जहां की व्यवस्था देखकर सराहना की। वहीं परिसर में बने बाबा विश्वनाथ के मंदिर में भगवान शंकर के दर्शन किए। तत्पश्चात श्रीराम कथा स्थल में पहुंचे। उन्होंने कथा वाचक विजय कौशल महाराज का माल्यार्पण कर एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। अपने संबोधन में कहा मैं देख रहा हूं कि युवा बड़ी संख्या में रामकथा सुनने आए हैं। मेरा मानना है कि अगर युवा राम कथा सुनकर उनके आदर्शो को अपनाता है तो निश्चय ही देश का भविष्य उज्जवल होगा। कहा, कथा की उपयोगिता तभी सिद्ध होगी। जब हम यहां से जाकर घर में भी ऐसा ही माहौल बनाकर रखें।
वहीं तीसरे दिन श्रीरामकथा में कथा वाचक विजय कौशल महाराज ने रामजन्म की कथा को आगे बढ़ाते हुए भगवान राम की गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करने,राक्षसों के अंत के लिए महर्षि विश्वामित्र द्वारा महाराज दशरथ से राम-लक्ष्मण को अपने साथ वन ले जाने को माँगना और सीता स्वयंवर में शामिल होने की अत्यंत ही मनोहारी कथा सुनाई। गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि बिना गुरु के ज्ञान होना सम्भव नहीं होता और जब ज्ञान होता है तो मनुष्य स्वंय से एकाकार होता है और आत्मा से एकाकार होते ही भगवान के दर्शन होते हैं। जिससे मनुष्य का कल्याण होता है। इस मौके पर कथा आयोजक डॉ आशीष गौतम,महेशचंद्र चतुर्वेदी अपर महाधिवक्ता उच्च न्यायालय, किरण चतुर्वेदी,शिवशंकर सिंह कार्यक्रम प्रभारी,लेखराम अनुरागी,दलजीत सिंह पूर्व विधायक,मनीष शुक्ला, कृष्णकुमार,जगदीश चौहान सह संयोजक कानपुर बुंदेलखंड अंचल, प्रो.नंदलाल सिंह संयोजक काशी अंचल, राजकुमार,संजय सिंह संयोजक जौनपुर इकाई, सत्यनारायण छोटू,केशव गौतम,सुमित व्यास, अवधेश शर्मा,मुन्नी देवी सहित बड़ी संख्या में देवतुल्य श्रद्धालु मौजूद रहे। कार्यक्रम में डॉ आशीष भैया जी ने अपने सहपाठियों का शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया ।
भगवान श्रीराम की पावन कथा का श्रवण करने हेतु पधारे समस्त भगवत प्रेमियों का आत्मीय आभार व्यक्त किया।