इस्तीफे के आधिकारिक ऐलान के ठीक पहले रात के समय गोटबाया ने देश छोड़ दिया
दिल्लीः
भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका अब तक के सबसे बुरे आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग गए हैं. राजपक्षे ने विरोध के 139 दिन बाद अपना इस्तीफा भी दे दिया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफे पर दस्तखत कर ये शर्त रख दी थी कि वे अपने परिवार के साथ देश से बाहर जाना चाहते हैं. उन्होंने सुरक्षित बाहर जाने दिए जाने की गारंटी मांगी थी. इस्तीफे के आधिकारिक ऐलान के ठीक पहले रात के समय गोटबाया ने देश छोड़ दिया है. वे मालदीव पहुंच गए हैं. आज संसद में उनके इस्तीफे की घोषणा हो सकती है और इसके साथ ही अंतरिम राष्ट्रपति के नाम का भी ऐलान होगा.
गोटबाया 8 जुलाई के बाद से कोलंबो में नहीं दिख रहे थे. मंगलवार यानी 12 जुलाई को नौसेना के जहाज से भागने की फिराक में थे, लेकिन पोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने पासपोर्ट पर सील लगाने के लिए VIP सुईट में जाने से इनकार कर दिया था. राजपक्षे ने जोर दिया था कि देशभर में चल रहे विरोध की वजह से दूसरी सार्वजनिक सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, लेकिन अफसर नहीं माने थे.
गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा देने से पहले शर्त रखी थी कि उन्हें देश से बाहर जाने दिया जाए. राजपक्षे ने 12 जुलाई को अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर सीनियर अधिकारी को सौंप दिया था. यह लेटर 13 जुलाई को संसद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को सौंपा जाना था.गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका छोड़कर अमेरिका भागना चाहते थे, लेकिन अमेरिका ने उन्हें वीजा नहीं दिया. राजपक्षे के पास श्रीलंका और अमेरिका की दोहरी नागरिकता थी, लेकिन 2019 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्होंने अपनी अमेरिका की नागरिकता छोड़ दी थी.दरअसल, श्रीलंका के संविधान में सिंगल सिटीजनशिप का प्रवाधान है. ऐसे में उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए सिर्फ श्रीलंका का नागरिक होना जरूरी था