परिवार में अनहोनी का संकेत देती है ये घटनाएं, महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन को भी दिखे थे अपशकुन

हिंदू ज्योतिष शास्त्र की कई शाखाएं हैं, जिसमें शकुन शास्त्र को भी काफी महत्व दिया गया है। शकुन शास्त्र प्रकृति की ओर से दिए गए संकेतों के आधार पर शुभ और अशुभ समय या घटनाओं की पहचान की जाती है। दरअसल शकुन ऐसी प्राकृतिक घटनाएं होती है, जो परिस्थिति के आधार पर चेतावनी या संकेत के रूप में काम करती है और शकुन-अपशकुन का भारत में महाभारत काल से वर्णन मिलता है। यहां हम आपको महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन का संवाद बता रहे हैं, जिससे पता चलता है कि परिवार या कुटुंब में यदि कोई अनहोनी होती है तो किस तरह के अशुभ संकेत मिलते हैं।

निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव।

न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे ॥

श्रीमद भगवत गीता के पहले अध्याय में इस श्लोक में अर्जुन का संवाद है। जिसमें बताया गया है कि दोनों पक्षों की सेनाओं और कुटुम्बियों को देखकर अर्जुन विचलित हो जाते हैं। तब अर्जुन इस श्लोक में भगवान कृष्ण से कहते हैं कि मैं शकुनों को भी विपरीत देख रहा हूं। अभी मेरे शरीर से सभी अंग शिथिल हो रहे हैं और शरीर में कंपन हो रहा है। मुंह भी सूखा हुआ महसूस हो रहा है।

अर्जुन को दिख रहे थे ऐसे अशुभ संकेत

इस दौरान अर्जुन आगे कहते हैं कि आकाश से उल्कापात होने और असमय में ग्रहण लगने और भूकंप आने, पशु-पक्षियों की चीत्कार की आवाजें सुनाई दे रही है। ये सभी घटनाएं किसी भावी अनिष्ट के सूचक दिख पड़ते हैं। शकुन शास्त्र में यही कारण है कि इन सभी संकेतों को आज भी अशुभ माना जाता है और परिवार के दुख का कारण माना जाता है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker