राफा में इजरायली हमले से अमेरिका हुआ नाराज, पढ़ें पूरी खबर…

फिलीस्तीनी शहर गाजा में भीषण नरसंहार के बाद भी इजरायली सेना के कदम नहीं रुके हैं। उसने अब दक्षिणी गाजा के एक और शहर राफा पर अपने नजरें टेढ़ी कर दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि राफा की सीमा पर इजरायली सेना ने अपने टैंक खड़े किए हैं और कभी भी शहर पर धावा बोल सकता है। राफा में कत्लेआम को लेकर अमेरिका भी खफा है। बाइडेन और उनका प्रशासन कई बार इजरायल को आगाह कर चुका है कि राफा में उसका ऑपरेशन एक और कत्लेआम को बढ़ावा देगा। हालांकि नेतन्याहू किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं। वह एक और कत्लेआम पर क्यों अड़े हैं? 

इजरायली हमले की जद में आ चुके राफा शहर में एक अनुमान के मुताबिक, 10 लाख शरणार्थी गाजा से अपनी जान बचाकर छिपे हुए हैं, जिनमें 6 लाख बच्चे और महिलाएं हैं। 

मंगलवार को, इजरायली सेना ने आधिकारिक घोषणा की कि उसने गाजा और मिस्र के बीच बसे राफा शहर की सीमा पर अपना नियंत्रण हासिल कर लिया है। यह भी बताया कि उसकी सेना और बड़ी संख्या में टैंक सीमा पर हमले की अवस्था में खड़े हैं। इजरायल दावा कर रहा है कि वह राफा में पर्चे फेंककर आम लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने का आह्वान कर चुका है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, राफा में अभी भी 10 लाख से अधिक लोग छिपे हुए हैं और अगर इजरायल हमला करता है तो यह गंभीर मानवीय संकट पैदा करेगा। दुनिया को गाजा के बाद एक कत्लेआम का डर सता रहा है।

इससे पहले गाजा में चलाए विशेष ऑपरेशन में इजरायल ने पूरे शहर को श्मशान घाट बना डाला। शहर में इजरायली हमलों से मरने वालों की तादाद 34 हजार से ज्यादा है, जिनमें 70 फीसदी बच्चे और महिलाएं हैं। इजरायल अपना लक्ष्य फिलिस्तीनी आतंकवादी ग्रुप हमास का पूर्ण खात्मा बताता है। इसके लिए नेतन्याहू किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

नेतन्याहू क्या हासिल करना चाहते हैं?

इजरायली सेना आईडीएफ के बयानों से पता चलता है कि राफा शहर पर हमले का उद्देश्य गाजा में हमास की शेष सैन्य उपस्थिति को भी खत्म करना है। उसने गाजा के चले विशेष ऑपरेशन के दौरान 24 बटालियनों में से 18 को खत्म कर दिया है। नेतन्याहू लगातार दावा कर रहे हैं कि गाजा में हमास के खात्मे के बाद अब उसके दक्षिणी हिस्से में मौजूद शहर राफा में भी ऑपरेशन करना जरूरी है। इजरायल को लगता है कि राफा में हमास की बची-खुची सैन्य ताकत है, जिसे वह हर हाल में खत्म करना चाहता है। इजरायली चीफ लगातार तर्क देते रहे हैं कि वह खुद के अस्तित्व को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। हमास का पूर्ण रूप से खात्मा ही इजरायल को भविष्य में टिके रख सकता है।

नेतन्याहू का कहना है कि हमास ने पिछले साल 7 अक्तूबर को जिस तरह उसकी सीमा में कत्लेआम (करीब 1200 इजरायलियों की मौत) मचाया। उसे अब पूरी तरह से रोकना जरूरी है ताकि इजरायली चैन की नींद सो सकें। इजरायल को डर है कि अगर अभी वह रुक गया तो हमास को फिर खड़े होने का समय मिलेगा और वह फिर से इजरायल पर हमला करेगा।

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