पावर कट
समूचा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। आलम यह है कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में पारा 45 डिग्री को छू रहा है। ऐसे में बिजली की खपत भी बेतहाशा बढ़ी है। बिजली की मांग के अनुरूप आपूर्ति न होने के कारण लोगों को इन तपते दिनों में लंबा ‘पावर कट’ झेलना पड़ रहा है।
असल में इस बार पहले कहा जा रहा था कि मानसून समय पर आ जाएगा और उसकी एक झलक जून के शुरुआती दिनों में दिखी भी थी जब ‘प्री-मानसून’ की बारिश पूर्वांचल से लेकर उत्तर भारत के अनेक इलाकों में हुई और लोगों को लू के थपेड़ों से कुछ राहत मिली। लेकिन धीरे-धीरे आसमान से बादल गायब से हो गये और गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखाने लगी, जबकि इस वक्त खेतीबाड़ी के लिए भी बारिश बेहद जरूरी है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि फिलहाल अगले दो-चार दिनों में बारिश के कोई आसार नहीं हैं। यानी गर्मी का यह प्रचंड रूप यूं ही सताएगा। उधर, एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि धूल भरी आंधी, चढ़ते पारे को थोड़ा नीचे लेकर आएगी, लेकिन इससे बहुत ज्यादा राहत के आसार नहीं हैं। मानसून की बेरुखी के चलते रिमझिम फुहारों के इस मौसम में आसमान से आग बरस रही है और गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिल रहा है।
भीषण गर्मी के कारण एसी, कूलर दिन-रात चल रहे हैं, जिसके चलते बिजली की मांग में जबरदस्त उछाल आ रहा है। बताया जा रहा है कि पूरे देश में बिजली की मांग अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच गयी है। इस वक्त बिजली की मांग कोविड महामारी से पहले के स्तर तक पहुंच गयी है। हालांकि इसका एक अच्छा संकेत यह माना जा रहा है कि उद्योग धंधों के शुरू होने के कारण बिजली की मांग बढ़ी है। उद्योग-धंधों में बिजली की खपत तो ठीक है, लेकिन मौसम की बेरुखी से अभी लोगों को दो-चार होना ही पड़ रहा है।
एक तो बारिश नहीं हो रही और ऊपर से भारी ‘पावर कट।’ इस दोहरी मुसीबत में आम जनता परेशान है। खासतौर पर पंजाब में बिजली का संकट ज्यादा गहराया है। यहां कई घंटों तक बिजली न आने से लोग गुस्से में हैं और जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले एक-दो घंटे का कट लगाया गया, जिसे अब तीन से चार घंटे तक कर दिया गया है। इस पावर कट से परेशान लोग सड़कों पर उतर आये।
पंजाब में बिजली की भारी कमी का आलम यह है कि पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने दो दिनों का औद्योगिक साप्ताहिक अवकाश लागू कर दिया है। यानी औद्योगिक इकाइयों को दो दिन काम बंद रखना होगा। यही नहीं, पावरकॉम ने अपील की है, ‘प्रदेश के सारे सरकारी विभाग, बोर्ड और कारपोरेशन दो-तीन दिन एसी बंद रखें।’ पीएसपीसीएल की ओर से यह भी कहा गया कि दफ्तरों में लोग गैर जरूरी बिजली के उपकरण न चलाएं और जितना संभव हो आगामी तीन दिन तक बिजली बचायें।
भीषण गर्मी के दौरान ‘पावर कट’ के कारण आमजन का गुस्सा फूटने की स्थिति को समझा जा सकता है। सरकार को चाहिए कि इसके लिए तत्काल उपाय करे। वैसे भी इस मौसम में बिजली की मांग बढ़ती ही है, इसलिए पहले से ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि बिजली की मांग और आपूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर न हो, क्योंकि अंतर जितना बढ़ेगा, आपूर्ति में उतनी ही कटौती करनी पड़ेगी।
इसलिए सरकार को बहुत संजीदगी से इंतजाम करना चाहिए। इसके साथ ही जनता की भी जिम्मेदारी है कि बिजली का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से ही करे। कहा भी गया है, ‘बिजली है शक्ति, इसे व्यर्थ न गवाएं। जितनी जरूरत हो उतनी ही जलायें।’