स्कूल दान से सजाया, गुरु का फर्ज निभाया

बांदा,संवाददाता। गुरु की शिक्षा प्राप्त कर बालक जहां देश को संवारने और संभालने का जिम्मा उठाता है, वहीं गुरु स्कूल को संवारकर एक मिसाल पेश करने में भी पीछे नहीं रहता है।

बांदा जिले के सहायक शिक्षक आशुतोष त्रिपाठी को राज्य अध्यापक पुरस्कार उनकी अपनी विद्यालय के प्रति निष्ठा और लीक से हटकर की गई व्यवस्थाओं पर मिला है।

उधर, राज्य अध्यापक पुरस्कार-2019 इस वर्ष बेसिक शिक्षा परिषद के 73 शिक्षकध्शिक्षिकाओं को दिया जा रहा है। इनमें बुंदेलखंड के सभी जनपदों से एक-एक शिक्षक भी शामिल हैं।

अवार्ड पाने वालों में यहां के दो प्रधानाध्यापक और तीन सहायक शिक्षक शामिल हैं। शिक्षक दिवस (5 सितंबर) को जिलाधिकारी अपने जनपदों के शिक्षकों को यह सम्मान सौंपेंगे।

बांदा जिले के नदी किनारे आबाद पिछड़े गांव कनवारा में सहायक शिक्षक के रूप में तैनात आशुतोष त्रिपाठी ने शिक्षा की अलख जगाई।

अपने प्रयासों और निजी संबंधों का इस्तेमाल कर जिले के गणमान्य लोगों से स्कूल के लिए कंप्यूटर आदि दान के रूप में लिए।

गांव की जो बालिकाएं नदी किनारे खेती बाड़ी में जीवन लगा रहीं थीं, वह अब स्कूल में कंप्यूटर चला रही हैं। यह स्कूल जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग के लिए नमूना बना हुआ है।

मंत्री से लेकर अफसर स्कूल का निरीक्षण करते हैं। आशुतोष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भी हैं।

उधर, प्रदेश के शिक्षा निदेशक (बेसिक) डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह द्वारा शासनादेश का हवाला देकर राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित शिक्षकों की सूची जारी की है।

बेसिक शिक्षाधिकारियों से कहा कि पुरस्कार सामग्री 4 सितंबर को निदेशालय से मंगवा लें। बेसिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि पुरस्कार के लिए शासन ने राज्य स्तरीय समिति का गठन किया था।

समिति का अध्यक्ष बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव हैं। शिक्षा निदेशक (बेसिक) सदस्य सचिव, महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) सहित निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, संयुक्त शिक्षा निदेशक (शिविर कार्यालय, लखनऊ), मंडलीय सहायक,संयुक्त,अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) और शिक्षा स्तर में प्रदेश स्तर का विशेषज्ञ शामिल है।

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