खनिज विभाग की कार्रवाई से ट्रांसपोर्टरों में उबाल

बांदा,संवाददाता। मुख्यालय के नजदीक केन नदी किनारे उजरेहटा गांव में तीन दिन पूर्व खनिज और प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की गई छापामार कार्रवाई में सीज किए गए 70 बालू ट्रकों के स्वामियों ने खनिज विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

आरोप लगाया कि इस खदान संचालक से मिलकर साजिशन ट्रांसपोर्टर को फांसा गया है। दो टूक शब्दों में खबरदार किया कि वह यह सब बर्दाश्त नहीं करेंगे। खनिज कार्यालय पहुंचे ट्रक एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से खनिज अधिकारी नहीं मिले और गेट पर ताला लगवा दिया।

ट्रांसपोर्टर्स ने डीएम को ज्ञापन देकर खदान संचालक व खनिज अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है। दोपहर बुंदेलखंड ट्रक एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल जिला खनिज कार्यालय पहुंचा।

इनमें बुंदेलखंड के अलावा फतेहपुर, रायबरेली, कानपुर, लखनऊ आदि के ट्रांसपोर्टर भी शामिल थे। यह सब खनिज अधिकारी से मिलकर ज्ञापन देने आए थे। उनका कहना था कि खनिज अधिकारी के बुलाने पर आए हैं।

इसी बीच खनिज कार्यालय के मुख्य गेट के चैनल पर वहां तैनात होमगार्ड ने ताला जड़ दिया। ट्रांसपोर्टर अंदर नहीं जा सके। इस पर ट्रांसपोर्टर ने कड़ा आक्रोश जताया। कहा कि खनिज अधिकारी से फोन पर हुई बातचीत के बाद वह लोग आए थे।

खनिज अधिकारी नहीं मिले। ट्रक एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को संबोधित दिए ज्ञापन में कहा कि अछरौड़ खदान खंड एक के संचालक और जिला खनिज अधिकारी व खनिज इंस्पेक्टर की साठगांठ से खंड एक में अवैध खनन हो रहा है।

ट्रांसपोर्टर्स ने कहा कि उन्हें गुमराह करके अवैध खनन को वैध बताकर एमएम-11 व कांटा पर्ची और जीएसटी आदि भी दी जा रही है। सभी खाली ट्रकों को खदान से टोकन भी जारी किया जा चुका था। कहा कि खदान की पार्किंग में खड़े 70 खाली ट्रकों पर अवैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

खदान में बोर भी लगा है। खनिज निरीक्षक अक्सर यहां निरीक्षण करते हैं। ट्रांसपोर्टर्स ने कहा कि उन्हें क्या पता कि खुलेआम चल रही खदान वैध है या अवैध। ट्रक एसोसिएशन ने ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया कि ट्रक चालकों के साथ अधिकारियों ने मारपीट की और जेल भेजने को धमकाया।

ज्ञापन में मांग की गई कि ट्रांसपोर्टर्स की रक्षा करते हुए खदान संचालक, खनिज अधिकारी और खदान निरीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। ज्ञापन की प्रति हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, सीएम, प्रमुख सचिव और खनिज निदेशक को भी भेजी गई है।

एसोसिएशन अध्यक्ष शिवकरन सिंह, सचिव प्रमोद कुमार, मधुुराम सिंह, दिनेश सिंह, शैलेंद्र सिंह, अशोक सिंह, संदीप सिंह, संजय सिंह, अंबुज सिंह, सत्यम सिंह, लोकेंद्र सिंह, नफीस अहमद, संतोष सिंह, रामसनेही सिंह, कामता सिंह, सिराज अहमद, मिथुन सिंह आदि।

खदान वैध है या अवैध ये खनिज विभाग और खदान वाले जाने। हमें तो वहां एमएम-11 भी दिया जा रहा है। इसमें ट्रांसपोर्टर्स का क्या दोष। खनिज अधिकारी हम पर दबाव डाल रहे हैं कि जुर्म स्वीकार कर लें। खनिज अधिकारी और खदान वालों को बचाया जा रहा है।

फोन पर बात होने के बाद हम खनिज अधिकारी उनके कार्यालय मिलने आए थे। हमें कार्यालय के अंदर तक दाखिल नहीं होने दिया। होमगार्ड से कार्यालय के गेट पर ताला लगवा लिया। कमा ये रहे हैं, जुर्म हम भुगतें। ये कतई स्वीकार नहीं।

उजरेहटा में अवैध खनन हो रहा था। यहां कोई पट्टा नहीं है। अछरौड़ खदान यहां से दो किलोमीटर दूर है। डीएम के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई है। नियम यह है कि ट्रांसपोर्टर्स कंपाउंडिंग के लिए अर्जी दें। जिलाधिकारी इस पर निर्णय लेेंगे।

कार्यालय गेट पर हमने ही ताला लगवाया था। ताकि कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करके एक साथ लोग कार्यालय में न घुसें। ट्रांसपोर्टर्स कुछ भी आरोप लगा सकते हैं।

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