दिल्ली: वायु प्रदूषण रोकने के लिए ऊंची इमारतों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य

एंटी-स्मॉग गन लगाने का आदेश व्यावसायिक परिसरों, मॉल, होटलों और संस्थागत भवनों पर लागू होगा। इसका निर्मित क्षेत्र 3,000 वर्ग मीटर से ज्यादा होगा और ऊंचाई ग्राउंड फ्लोर के अलावा 5 मंजिल या उससे अधिक होगी।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए दिल्ली सरकार ने ऊंची इमारतों पर सालभर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह देश में पहली बार है जब किसी शहर ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऊंची इमारतों को कानूनी रूप से शामिल किया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह हमारे बच्चों की शुद्ध सांसों के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम है। अब बहानों की कोई जगह नहीं है।

एंटी-स्मॉग गन लगाने का आदेश व्यावसायिक परिसरों, मॉल, होटलों और संस्थागत भवनों पर लागू होगा। इसका निर्मित क्षेत्र 3,000 वर्ग मीटर से ज्यादा होगा और ऊंचाई ग्राउंड फ्लोर के अलावा 5 मंजिल या उससे अधिक होगी। आवासीय भवनों, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों और व्यक्तिगत मकानों को इसमें छूट दी गई है। एंटी-स्मॉग गन की तैनाती 6 महीने के भीतर करनी होगी और 15 जून से 1 अक्तूबर (मानसून अवधि) को छोड़कर सालभर इन्हें चलाना अनिवार्य होगा।

सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश
निर्देश में कहा गया है कि 10,000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र वाली इमारतों के लिए न्यूनतम 3 एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य होंगी। अतिरिक्त 5,000 वर्ग मीटर पर 1 और गन लगानी होगी। ये गन स्थायी ब्रैकेट पर परापेट वॉल पर लगाई जाएंगी, जिनकी क्षैतिज थ्रो क्षमता 75-100 मीटर और मिस्ट ड्रॉपलेट्स 5-20 माइक्रॉन होने चाहिए। संचालन अधिकतम 1,200 लीटर प्रति घंटा या 8 घंटे में 10,000 लीटर से अधिक नहीं होगा। गन को दिन में तीन बार (सुबह 6:30–9:30 बजे, शाम 5:30–8:30 बजे, रात को 1:30–4:30 बजे) तेज गति से चलाना होगा, ताकि पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे कणों को प्रभावी ढंग से दबाया जा सके।

ऊंची इमारतें एंटी-स्मॉग गन के लिए उपयुक्त
इमारत के आकार (10,000 वर्ग मीटर तक के लिए 3, फिर हर 5,000 वर्ग मीटर पर 1 अतिरिक्त एंटी-स्मॉग गन)
उपचारित जल का उपयोग, अधिकतम खपत 1,000–1,200 लीटर प्रति घंटा
नोजल ड्रॉपलेट साइज 5–20 माइक्रॉन (पीएम 2.5 और पीएम 10 दबाने के लिए प्रभावी)
75–100 मीटर थ्रो रेंज, स्थायी ब्रैकेट पर लगाई जाएंगे
कम ध्वनि वाले ब्लोअर्स और वैकल्पिक रीयल-टाइम वायु गुणवत्ता सेंसर
7 से 10 वी मंजिल की हाइट प्रभावी छिड़काव के लिए सबसे उपयुक्त

सिविक एजेंसियां करेंगी निगरानी : इस निर्देश को लागू कराने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, एनबीसीसी, डीएसआईआईडीसी और अन्य संबंधित एजेंसियों को सौंपी गई है। इन्हें तिमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें कार्रवाइयों, निगरानी और दंड का विवरण होगा।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker