हिंदी को योग्य बनाइए

यदि मुझे अकेले अपनी इच्छानुसार किसी भाषा को चुनने दिया जाता, तो मैं संस्कृत को चुनता। आज लोग संस्कृत पर हंसते हैं, संभवत: इस कारण कि वे यह समझते हैं कि किसी आधुनिक राज्य को जो कार्य करने होते हैं, उनके लिए वह काम में नहीं लाई जा सकती। …इस भाषा में ऐसा वृहत् ज्ञान भंडार है, जिससे भारत की वर्तमान पीढ़ी ने ही नहीं, बल्कि पहले की पीढ़ियों ने भी ज्ञानोपार्जन किया और वास्तव में उससे सभ्य संसार में ज्ञान और विद्या के सभी प्रेमियों ने ज्ञान प्राप्त किया। वह हमारी भाषा है, वह भारत की मातृभाषा है। .हम हिंदी को क्यों स्वीकार कर रहे हैं? इसलिए नहीं कि वह सबसे उत्कृष्ट भारतीय भाषा है। हम उसे मुख्यत: इस कारण स्वीकार कर रहे हैं कि इस भाषा के बोलने वालों की संख्या अन्य किसी भाषा के बोलने वालों की संख्या से अधिक है। यदि 32 करोड़ लोगों में से 14 करोड़ किसी एक भाषा को समझते हों और उसका विकास भी हो सकता है, तो हम कहते हैं कि वह भाषा स्वीकार की जाए, किंतुु उसे इस प्रकार अपनाया जाए कि अंतरिम काल में राजकीय कार्य शिथिल न हो जाए और किसी काल में भी भारत की तथा उसकी अन्य महान भाषाओं की प्रगति शिथिल न हो। 
आपको अंग्रेजी को हटाने के लिए पंद्रह वर्ष दिए गए हैं। वह किस प्रकार हटाई जाए? उसे हटाते जाना होगा। हमें वस्तुस्थिति को ध्यान में रखकर इस संबंध में निर्णय करना होगा कि कुछ विशेष कार्यों के लिए अंग्रेजी को भारत में जारी रखा जाए या नहीं रखा जाए। मेरे कुछ मित्र बता चुके हैं कि हमने कुछ कारणों से भले ही अंग्रेजी शासन से भारत को मुक्त किया हो, किंतु इसका अर्थ यह नहीं कि हम अंग्रेजी भाषा का भी बहिष्कार करें। …यदि हमारी यह धारणा हो कि कुछ प्रयोजनों के लिए हमेशा अंग्रेजी प्रयोग में आए और उसी भाषा में शिक्षा दी जाए, तो लज्जा की कोई बात नहीं है। …मुझे इसकी चिंता है कि एक ऐसी भाषा अस्तित्व में आ जाए, जिसे भारत के सभी लोग न केवल बोलें और लिखें, बल्कि जिसमें भारत सरकार का राजकीय कार्य भी किया जाए। हम इसके लिए सहमत हो गए हैं कि वह भाषा हिंदी होगी। किंतु उसके पग-पग पर इस प्रकार समायोजन करने की जरूरत है कि हमारे राष्ट्रीय हितों की हानि न हो और राज्यों की भाषाओं के हितों की भी हानि न हो। यदि आप इस प्रकार कार्य करेंगे, तो मुझे इस संबंध में कुछ भी संदेह नहीं है कि हमें पंद्रह वर्ष तक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी और सभी प्रांतों के लोग हमारे निर्णय को सहर्ष स्वीकार करेंगे और प्रयोग में लाएंगे।     

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