Delhi: नई ईवी नीति का मसौदा तैयार करने को समिति गठित

राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर ई-वाहनों की संख्या की बढ़ोतरी के लिए नई ईवी नीति को जल्द लागू करने के लिए तैयारियां चल रही हैं। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से नई ईवी नीति का मसौदा तैयार करने के लिए बीते दिनों एक समिति का गठन किया गया है। नौ सदस्यीय समिति की ओर से 20 तक मसौदा तैयार करने की बात कही जा रही है। ऐसे में जुलाई में नई ईवी नीति लागू करने चर्चा है।
समिति की अध्यक्षता परिवहन आयुक्त करेंगे, जबकि इसके सदस्यों में डीटीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, विशेष आयुक्त (परिवहन), बस परिवहन के संयुक्त आयुक्त, आईआईटी दिल्ली के परिवहन अनुसंधान और चोट निवारण (टीआरआईपी) केंद्र, नीति आयोग, बीएसईएस के सीईओ, सीईएसएल के सीईओ और ईवी सेल के संयुक्त आयुक्त (परिवहन) शामिल हैं। समिति विभिन्न हितधारकों से मिले सुझाव को ईवी नीति में शामिल करने के लिए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी। समिति मौजूदा नीति में सब्सिडी वितरण में होने वाली देरी सहित लोगों को दिए जाने वाले वित्तीय और प्रोत्साहनों का भी अध्ययन करेगी और महिला लाभार्थियों की संख्या और उन्हें दी जाने वाली सब्सिडी की मात्रा भी निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया जाएगा। परिवहन विभाग के जुड़े अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल समिति की ओर से काम शुरू कर दिया गया है। सरकार का प्रयास है कि जुलाई में नई ईवी नीति को लागू कर दिया जाए।
मौजूदा नीति को मिला है कई बार विस्तार
मौजूदा समय लागू ईवी नीति को बीते दो साल में कई बार विस्तार दिया गया है। यह अप्रैल में समाप्त हो गई थी, लेकिन फिर इसे तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। अब दिल्ली सरकार नई ईवी नीति पर काम कर रही है। गौर करने वाली बात यह है कि अगस्त 2020 में लागू हुई यह नीति के बाद से दिल्ली में करीब सवा दो लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए हैं। इस नीति के तहत शुरू में 1000 कारों पर डेढ़ लाख की सब्सिडी दी गई थी। दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर 30 हजार की सब्सिडी 31 दिसंबर 2023 तक जारी रही।
बकाया सब्सिडी को लेकर असमंजस
पूर्व की आम आदमी पार्टी सरकार के समय की 50 करोड़ के करीब की सब्सिडी बकाया है। दूसरी ओर दिल्ली में सब्सिडी नहीं मिलने के कारण ई-वाहनाें के खरीद में भी गिरावट आई है। इस साल मई में इलेक्ट्रिक के 3566 वाहन पंजीकृत हुए हैं, जबकि मई 2024 में 4993 वाहन पंजीकृत हुए थे। इस साल मई में पिछले साल की तुलना में 1427 वाहन कम पंजीकृत हुए हैं।