वर्षा जल उपयोग को जल प्रबंधन योजना स्वीकृत
बांदा,संवाददाता। कृषि विश्वविद्यालय को केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के अंतर्गत समेकित जल प्रबंधन योजना की सौगात मिली है। इस योजना में वर्षा के पानी का समुचित और बहुउद्देशीय उपयोग किया जाएगा। परियोजना के संचालन में 3.48 करोड़ मंजूर होने का अनुमान है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखा, अधिक वर्षा, मिट्टी कटान, जल जमाव और भूमिगत जल की कम उपलब्धता व सिंचाई प्रणाली का अभाव है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए बांदा कृषि विवि के वैज्ञानिकों के प्रयास से केंद्र व राज्य सरकार ने समेकित जल प्रबंधन योजना की सौगात दी है।
परियोजना प्रधान अन्वेषक एवं सहायक प्राध्यापक संजय कुमार ने बताया कि परियोजना से क्षेत्र के किसानों, कृषि संबंधित विभागीय अधिकारियों, एनजीओ तथा विकास से जुड़ी अन्य संस्थाओं के सदस्यों को सतही एवं भूमिगत जल प्रबंधन से जुड़ी नई तकनीकों का प्रशिक्षण के साथ-साथ सिंचाई की नई विधियों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह मॉडल बुंदेलखंड क्षेत्र के अलावा राज्य एवं देश के कई क्षेत्रों जहां जल की कमी है, ऐसे क्षेत्र के लिए उपयोगी उदाहरण बनेगा। योजना रोजगार के अवसर भी बनाएगी। इससे पलायन भी रुकेगा।
संजय ने बताया कि यह परियोजना राष्ट्रीय विकास योजना द्वारा वित्त पोषित होगी। लगभग 3.48 करोड़ रुपये स्वीकृत होने का अनुमान है। इस परियोजना से मृदा एवं उसके जलधारण क्षमता तथा जल निकास पर अध्ययन किया जाएगा।
कृषि विवि कुलपति डॉ. यूएस गौतम के हवाले से जन संपर्क अधिकारी डॉ. बीके गुप्ता ने बताया कि यह परियोजना निश्चित रूप से पूरे बुंदेलखंड और आसपास के क्षेत्रों के लिए सौगात है। बुंदेलखंड परिक्षेत्र के लिए इस परियोजना का महत्व और भी बढ़ जाता है।