मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुई ब्रेन सर्जरी
बांदा,संवाददाता। बांदा के रानी दुर्गावती राजकीय मेडिकल कॉलेज ने एक और उपलब्धि हासिल की। यहां पहली बार न्यूरो सर्जरी की गई है। वह भी 2 वर्ष के बालक की। यह बालक ब्रेन टीबी से पीड़ित था।
महानगरों के प्राइवेट अस्पताल में इस ऑपरेशन का खर्च लगभग 80 हजार रुपए बताया जा रहा है। गरीब पिता के बच्चे की न्यूरो सर्जरी यहां मुफ्त हो गई। मेडिकल कॉलेज में अब तक न्यूरो सर्जन की नियुक्ति नहीं थी। हाल ही में इस पद पर डॉ. अरविंद झा ने चार्ज संभाला है।
शुक्रवार को उन्होंने अपनी टीम के साथ मोहन पुरवा (मटौंध) गांव निवासी अजीज के 2 वर्षीय बेटे अनस के दिमाग का ऑपरेशन किया। बच्चे के दिमाग में पानी भरा हुआ था। लगभग सवा घंटे चला आपरेशन सफल रहा।
डॉ. अरविंद झा की टीम में डॉ. सुशील पटेल, डॉ. आदर्श व डॉ. अखलेंद्र (एनेस्थीसिया), डॉ. शिवम सहित स्टाफ नर्स सुषमा, टेक्नीशियन आशीष और शिवम आदि शामिल रहे। मरीज का परिवार आयुष्मान कार्डधारक है।
इसलिए सरकारी यूजर चार्ज भी नहीं लिया गया। ऑपरेशन पूरी तरह निशुल्क हुआ। न्यूरो सर्जन डॉ. अरविंद झा ने बताया, दिमाग की टीबी किसी टीबी मरीज के संपर्क में आने से या जन्म के बाद टीबी का टीका न लगवाने से हो सकती है। इस मर्ज में पानी शरीर में अवशोषित नहीं होता।
बल्कि दिमाग में इकट्ठा हो जाता है। इसके लक्षणों में उल्टी, चक्कर, सिरदर्द, धुंधला दिखाई देना, बेहोशी और कभी-कभी दौरे पड़ना है। वहीं, बच्चे के ऑपरेशन से खुश पिता अजीज ने बताया, वह काफी दिनों से अपने बच्चे का इलाज करा रहे हैं।
प्राइवेट चिकित्सकों से लेकर जिला अस्पताल तक वह गए। बच्चे के इलाज में उसकी पत्नी के जेवर बिक गए और खेत भी गिरवी रख गए, लेकिन बच्चा ठीक नहीं हुआ। तब किसी ने उसे मेडिकल कॉलेज के डॉ. अरविंद झा के बारे में बताया।