गांवों में मलेरिया रोगियों का पता लगाएगी टीम

बांदा,संवाददाता। कोरोना संक्रमण के साथ ही मलेरिया और डेंगू बुखार की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग चैकन्ना हो गया है। सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने ब्लॉक, पंचायत व ग्राम स्तर पर मलेरिया रोधी माह जून मनाने के निर्देश दिए हैं।

मौजूदा समय में मच्छर जनित बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। यह 1 से 30 जून तक मनाया जाएगा। जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने सीएमओ के हवाले से बताया कि मलेरिया रोधी माह में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर बुखार से पीड़ित लोगों को चिह्नित करेगी। मलेरिया व डेंगू की पुष्टि के लिए जांच भी कराएगी।

पंपलेट्स के माध्यम से रुके पानी में पैदा होने वाले एनाफिलीज मादा मच्छर के विषय में लोगों को बचाव व उपचार के लिए जागरूक किया जाएगा। मलेरिया संक्रमण के बाद सर्दी, कंपन के साथ बुखार आता है। तेज सिर दर्द व बुखार के अलावा बुखार उतरते समय पसीना अधिक आता है। मनुष्य के शरीर में मलेरिया परजीवी के प्रवेश करने के बाद 14 से 21 दिन के अंदर बुखार आता है।

उन्होंने बताया कि जनपद की सभी चिकित्सा इकाइयों में मलेरिया बुखार की जांच निःशुल्क होती है। बुखार पीड़ित व्यक्तियों के चिन्हांकन की जिम्मेदारी आशा व एएनएम को सौंपी गई है।

उनमें संदिग्ध लक्षण से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें सीएचसी व पीएचसी तक भेजकर उनकी जांच कराएंगे। सलाह दी गई कि रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दें। यदि संभव न हो तो उसमें मिट्टी का तेल या डीजल, जला हुआ मोबिल आयल डाल दें। सोते समय मच्छरदानी अथवा मच्छर भगाने की क्रीम का प्रयोग करें।

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