तो बिना एनओसी चल रहा कचरा निस्तारण प्लांट

बांदा,संवाददाता। बायो मेडिकल बेेस्ट (कचरा) निस्तारण में राजकीय मेडिकल कालेज में मानकों की अनदेखी हो रही है। आरोप है कि बगैर एनओसी के मेडिकल कचरा निस्तारण प्लांट चलाया जा रहा, जिससे निकलने वाले धुएं से आसपास के लोग संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।

हालांकि, मेडिकल कालेज प्रशासन और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सब कुछ ठीकठाक बता रहा, जबकि खास बात यह है कि पर्यावरण निदेशालय (लखनऊ) उप निदेशक ने जन सूचना के तहत दिए जवाब में खुद स्वीकारा है कि मेडिकल कालेज ने कोई पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं ली है। राजकीय मेडिकल कालेज में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से प्लांट तैयार किया था।

दिसंबर 2018 से यहां बायो मेडिकल बेेस्ट (कचरा) निस्तारण शुरू हो गया। मौजूदा में रोजाना प्लांट में लगभग 70 किलो बायो मेडिकल कचरा निस्तारित किया जा रहा है। यह कचरा फिलहाल कोविड मरीजों का है। इन दिनों मेडिकल कालेज में कोविड के अलावा अन्य मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे। मेडिकल कालेज में स्थापित प्लांट में संक्रमित कचरा निस्तारण को लेकर विरोध के सुर गूंजने लगे हैं।

शहर मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर नरैनी निवासी नगर पंचायत पूर्व सदस्य रामबाबू श्रीवास ने मुख्य सचिव सहित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव, मंडलायुक्त व डीएम समेत तमाम बड़े अफसरों से इसकी शिकायत की है।

एक पखवाड़े पूर्व भेजी अर्जी में आरोप लगाया कि राजकीय मेडिकल कालेज में स्थित कचरा निस्तारण प्लांट की चिमनी मानक के अनुरूप नहीं है। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्राधिकार प्रमाणपत्र भी नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन 2016 के नियमों के विरुद्ध बिना पर्यावरणीय स्वीकृति के गैरकानूनी ढंग से मेडिकल वेस्ट संयंत्र स्थापित कर संचालित किया जा रहा है।

कंसेट टू इस्टेब्लिसमेंट में दिए गए 21 बिंदुओं में किसी भी शर्त का अनुपालन नहीं किया गया है। मेडिकल कचरा निस्तारण में निकलने वाले धुएं से आसपास के लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, पर्यावरण निदेशालय, लखनऊ उप निदेशक देवेंद्र सिंह ने जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत 15 अप्रैल को दी सूचना में स्वीकारा कि कंप्यूटर रिकार्ड के अनुसार मेडिकल कालेज में स्थापित बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी के लिए कोई आनलाइन आवेदन नहीं किया गया। न ही कोई पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की गई।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker