कोरोना पाजिटिव गर्भवतियों की जान बचाना होगा आसान
मेडिकल कालेज में एक छत के नीचे मिल रहा इलाज
बाँदा। कोरोना पाजिटिव गर्भवती महिलाओं को अब कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। एक ही छत के नीचे कोरोना की मरीजों को इलाज की सुविधा मिल रही है। राजकीय मेडिकल कालेज में कोरोना पाजिटिव गर्भवतियों के इलाज व प्रवस की सुविधा है। यहां दो माह में आठ गर्भवतियों के प्रसव कराए गए हैं। जिसमें चार प्रसव सामान्य व चार आपरेशन से हुए हैं।
कोरोना संक्रमण में स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हो रही हैं। ओपीडी सेवा बंद होने के बाद लोगों को ई-संजीविनी और टेली कंसल्टेंसी के जरिए चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जा रही है।
कोरोना संक्रमित गर्भवतियों के इलाज और प्रसव का खास ख्याल रखते हुए मेडिकल कालेज में सुविधाएं दी जा रही हैं। प्राचार्य डा. मुकेश कुमार यादव ने बताया कि कोविड पाजिटिव मरीजों की डिलीवरी के लिए अलग से स्टाफ भी नियुक्त कर दिया गया है।
प्रसव के लिए अलग से लेबर रूम की सुविधा है। उन्होंने बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक चिकित्सा सेवा दी जा रही है। मेडिकल कालेज में कोविड मरीजों भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
लेकिन विषम परिस्थिति में नान पाजिटिव गर्भवती को भी प्रसव के लिए भर्ती किया जा सकता है। लेकिन ऐसी महिलाओं को पाजिटिव होने से बचाना बहुत ही मुश्किल है।
अस्सिटेंट प्रोफेसर डा. सुनील कुमार ने बताया कि कोरोना काल में अप्रैल से अब तक आठ गर्भवतियों के प्रसव कराए गए हैं। इसके अलावा प्रसव पूर्व जांच भी की जा रही हैं। स्टाफ की भी पर्याप्त व्यवस्था है। जांच उपकरण व व दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता है।