महंगाई ने तोड़ा एक दशक का रिकॉर्ड खान-पान का सामान हुआ महंगा

लॉक डाउन की आड़ में प्रिंट रेट से अधिक दामों में बिक रहा सामान

भरुआ सुमेरपुर। लॉक डाउन की आड़ में महंगाई ने एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. रोजमर्रा में उपयोग होने वाली चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. कारोबारी लॉक डाउन का भय दिखा कर प्रिंट रेट से अधिक दाम ग्राहकों से वसूल रहे हैं.

लाक डाउन की अवधि में क्या खुलेगा क्या बंद रहेगा, इसका तनिक भी असर कस्बे के बाजार में नहीं है. यहां सब कुछ खुला रहता है. लॉकडाउन शुरू होते ही दैनिक उपयोग की वस्तुओं में अचानक उछाल आ गया है.

लाक डाउन के पूर्व 140 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला सरसों का तेल 180 रुपये लीटर तक बिक रहा है. चावल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. सबसे सस्ता चावल लॉकडाउन के पूर्व 25 रुपये किलो था. अब यह 40 रुपये किलो बिक रहा है.

सबसे महंगा 60 रुपये तक है. बासमती आदि अच्छे क्वालिटी की बात ही निराली है. आटा के दाम 22 से 25 रुपये प्रति किलो है. दालों की कीमत भी बढी है. 80 से 90 रुपये किलो तक बिकने वाली अरहर की दाल 110 से 120 रुपए किलो बिक रही है.

फलों ने रिकॉर्ड कायम कर दिया है. 120 से 150 रुपये के मध्य बिकने वाला सेव वर्तमान में 220 से लेकर 250 रुपये किलो बिक रहा है. केला के दाम 40 से 60 रुपये प्रति दर्जन है. कीवी फल 60 से लेकर 100 रुपये प्रति पीस बिक रहा है.

आमतौर पर 40 रुपये किलो बिकने वाला नीबू 40 रुपये प्रति पाव बिक रहा है. सब्जी के दाम भी आसमान छू रहे हैं. कोई भी सब्जी 40 रुपये से कम नहीं है. सीजन होने के बावजूद प्याज एवं लहसुन के दाम लोगों को रुला रहे हैं.

लॉक डाउन की अवधि में फल सब्जी दूध किराना की दुकान खोलने के आदेश है. परंतु कस्बे में ऐसा कुछ भी नहीं है यहां सब कुछ खुला है और खुलेआम लूट जारी है.

दुकानदार ब्रांडेड कंपनियों का सामान प्रिंट रेट से अधिक दामों में बेचकर ग्राहकों की जेब में खुलेआम डाका डालने में लगे हैं. धूम्रपान के सामानों की कोई निश्चित कीमत नहीं है. धूम्रपान में शामिल बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला, सुपारी मसाला की कीमतें दोगुनी से लेकर 4 गुना तक जा पहुंची है. बर्तन कपड़े जूते चप्पल कास्मैटिक फर्नीचर इलेक्ट्रॉनिक सामानों के दाम भी उछाल मार रहे हैं.

कस्बे के व्यापारी बालगोपाल गुप्ता, नाथूराम गुप्ता, सोनू गुप्ता, संतोष गुप्ता, कमलेश गुप्ता आदि ने बताया कि कुछ व्यापारी लाक डाउन की आड़ में सामान की कालाबाजारी कर रहे हैं.

यह नहीं होना चाहिए. बाजार में जब सभी तरह के सामान की उपलब्धता है तब बढ़ी कीमतों में सामान बेचना नाइंसाफी है. इस पर दुकानदारों को चिन्हित करके कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि कुछ लोग जानबूझकर कालाबाजारी करके बाजार की छवि खराब कर रहे हैं.

व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेश गुप्ता दीपू ने कहा कि संकट के समय कालाबाजारी करना सबसे बड़ी नाइंसाफी है. ऐसा नहीं होना चाहिए।

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