ब्लॉक की अनारक्षित 29 पंचायतों में से पिछड़े वर्ग ने 21 पर जमाया कब्जा

पिछड़े वर्ग की 4 महिलाओं के साथ 17 पुरुष हुए सफल

भरुआ सुमेरपुर। ब्लॉक की 57 में से 29 सीटें आरक्षण से मुक्त करके अनारक्षित घोषित की गई थी. इन अनारक्षित सीटों पर 29 में से 21 सीटें पिछड़े वर्ग के लोगों ने झटक ली है.

सामान्य वर्ग कड़ी जद्दोजहद के बाद 8 सीटें पाने में कामयाब हो सका है. विकासखंड क्षेत्र की 57 में से 28 सीटें पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति वर्ग के साथ पिछड़े वर्ग की महिलाओं एवं अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को आरक्षित की गई थी.

ब्लॉक की 9 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थी. 20 सीटें अनारक्षित घोषित थी. कुल 29 सीटें एक तरह से अनारक्षित थी. जिसमें सभी जाति वर्ग के लोग किस्मत आजमा सकते थे. ब्लॉक की महिलाओं के लिए अनारक्षित 9 सीटों में से 5 सीटों इंगोहटा, स्वासा खुर्द, बंडा, सहुरापुर, जलाला में सामान्य वर्ग की महिलाएं विजय हुई.

इनमे इंगोहटा, बंडा, सहुरापुर, जलाला में क्षत्रिय समाज की महिला विजई हुई जबकि स्वासा खुर्द में ब्राह्मण समाज की महिला को सफलता मिली. बाकी शेष 4 सीटों उजनेड़ी, पौथिया, पत्योरा, पचखुरा बुजुर्ग में पिछड़े वर्ग की महिलाओं ने कब्जा जमा लिया.

उजनेडी मे पाल समाज, पौथिया में कुर्मी समाज, पत्योरा में निषाद समाज, पचखुरा बुजुर्ग में यादव समाज की महिला ने बाजी मारी. ब्लॉक की 20 अनारक्षित सीटों में 3 सीटे ही सामान्य वर्ग के लोग जीत सके.

17 सीटों में पिछड़े वर्ग ने कब्जा जमा लिया. इन 17 सीटों पर सबसे ज्यादा निषाद समुदाय को सफलता मिली. निषाद समुदाय ने धुंधपुर, बरुआ, भौंरा, बड़ागांव, सुरौली बुजुर्ग, बरदहा सहजना, मौहर में कब्जा जमाया है.

यादव समाज को टेढा, मिहुना सौंखर में सफलता मिली है. पारा ओझी में मुस्लिम तथा खड़ेही जार में कुशवाहा समाज सफल हुआ है. अमिरता में कुर्मी समाज को सफलता मिली है.

बिदोखर पुरई में प्रजापति सफल हुआ है. कैथी, मुंडेरा में क्षत्रिय समाज तथा चंदौखी में कायस्थ समाज को सफलता मिली है. भौनिया में पाल समाज सफल रहा है. इन अनारक्षित सीटों पर सामान्य वर्ग के तमाम दिग्गज चुनाव मैदान में थे.

जिन्हें मतदाताओं ने नकारकर पिछड़े वर्ग के युवाओं को तवज्जो दी और सीधे संघर्ष में इन दिग्गजों को धूल चटा दी. जिससे सामान्य वर्ग के इन दिग्गजों को करारा झटका लगा है. जिन 8 सीटों पर सामान्य वर्ग के लोग प्रधान बनने में कामयाब हुए हैं.

उन ज्यादातर सीटों पर पिछड़े वर्ग के लोग ही मुख्य संघर्ष पर रहे हैं. यही कारण है कि 57 में से 6 सीटों पर क्षत्रिय, एक सीट पर ब्राह्मण तथा एक सीट पर कायस्थ समाज को सफलता मिली है. ब्लॉक की ज्यादातर सीटों पर पिछड़े वर्ग के युवाओं का कब्जा हुआ है. पिछड़े वर्ग के लोगों ने आरक्षित सीटों के साथ 33 सीटों पर कब्जा जमा लिया है।

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