टीबी रोगियों के इलाज में कोरोना नहीं बनेगा बाधा
जनपद में कोरोना की स्थिति को देखते हुए उठाए कदम
– जनपद में मौजूदा समय में टीबी रोगियों की संख्या 1049
– केंद्र सरकार का 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के अभियान
लवलेश यादव।
हमीरपुर। जनपद के टीबी रोगियों का इलाज कोरोना वायरस की महामारी के बीच भी जारी रहेगा। इसे लेकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने प्रदेश के सभी चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी किया है। यह खबर टीबी रोग से ग्रसित मरीजों के लिए राहत भरी है। केंद्र सरकार 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के अभियान पर काम कर रही है। लेकिन अचानक आई कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले एक माह से पूरा देश लांकडाउन है। इसका असर मरीजों पर भी पड़ रहा है।
पत्र में कहा गया है कि लांकडाउन की स्थिति को देखते हुए सभी क्षय रोगियों को एक-एक महीने की दवा दी जाए। दवा का सेवन सुनिश्चित करने और दवा के एडवर्स ड्रग रिएक्शन पर नजर रखने के लिए रोगियों से निरंतर फोन कांल, व्हाट्सएप, वीडियो कांल के जरिये संपर्क रखा जाए।
वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भी सभी मानकों का सख्ती से पालन किया जाए। मास्क का प्रयोग, हाथ धोने, हैण्ड सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग और बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाए। प्रयोगशाला में जांच और इलाज के दौरान पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई), एन-95 मास्क और दस्ताने का इस्तेमाल जरूर करें। इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह मिलने वाली 500 रुपए मरीजों के बैंक खाते में भेजे जाते रहे।
इस संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. महेशचंद्रा ने बताया कि जनपद में वर्तमान समय में 1049 टीबी रोगी है, जिनका उपचार किया जा रहा है। शासन द्वारा जारी किए गए पत्र में दिए गए निर्देशों का पालन शुरू करा दिया गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरके सचान ने बताया कि टीबी रोग कार्यक्रम में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को इसी काम पर फोकस करने को निर्देशित किया गया है।