मध्य प्रदेश सरकार उदासीनता से कुण्डौरा में फंसे हैं 17 मजदूर

एमपी सरकार की अनुमति न मिलने से रिहाई अधर मे लटकी

श्रम संगठन के जिलाध्यक्ष ने सीएम को लिखा पत्र

सुमेरपुर। विकासखंड की ग्राम पंचायत दरियापुर के अस्थाई शेल्टर होम में पिछले 23 दिन से ठहरे मध्यप्रदेश के पन्ना निवासी मजदूर अपनी रिहाई की बाट जोह रहे हैं।  मध्य प्रदेश सरकार की अनुमति न मिलने से प्रशासन उनको घर तक नहीं पहुंचा पा रहा है। श्रम संगठन के जिलाध्यक्ष व एंटी कोरोना वायरस के जिला प्रभारी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मजदूरों को सकुशल घर भेजने की मांग की है।

सुमेरपुर विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत दरियापुर के आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रशासन ने अस्थाई शेल्टर होम बनाकर मार्च माह में 95 लोगों को ठहराया था। इनमें 17 मजदूर मध्य प्रदेश के पन्ना जनपद के निवासी हैं। इनमें महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल हैं। इनको यहां पर 31 मार्च को लाया गया था. 14 दिन की क्वारेंटाइन सीमा समाप्त होने के बाद प्रशासन मध्य प्रदेश सरकार का अनुमोदन न मिलने के कारण घर नहीं पहुंचा पा रहा है।

हमीरपुर जिलाधिकारी डा. ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने पन्ना के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर अनुमति भी मांगी है, परंतु पत्र का जवाब नहीं मिला है। मजदूरों की पीड़ा को देखकर कुण्डौरा के प्रधान श्रम संगठन के जिलाध्यक्ष एंटी कोरोना वायरस के जिला प्रभारी अवधेश कुमार यादव ने मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर मजदूरों की सकुशल घर वापसी के इंतजाम कराने की मांग की है।

संतोष चक्रवर्ती।

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