किसान संघ ने धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
राष्ट्र प्रदेश व जनपद स्तर पर किसानों की समस्याओं के निस्तारण की मांग
उरई। पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को जनपद के तमाम किसान प्रान्त अध्यक्ष साहब सिंह चैहान के निवास पर एकत्र हुए साथ ही प्रान्त अध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में सभी किसानों ने जुलूस निकाला।
जुलूस करमेर रोड से रवाना हुआ और जाकर कलेक्ट्रेट पहुंचा जहां पर सभा के रूप में परिवर्तित होकर सभी ने धरना प्रदर्शन किया साथ ही किसानों की समस्याओं से संबोधित ज्ञापन भारत सरकार प्रधानमंत्री प्रदेशीय समस्याओं हेतु मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश तथा जनपद स्तरीय समस्याओं के निराकरण हेतु जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौपा।
जिसमें उन्होनें मांग की है कि किसान केा उनके न्यूनतम मूल्य लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देना होगा।
भारतीय किसान संघ ने जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन करते हुए अपनी विभिन्न समस्याओं राष्ट्रीय स्तर, प्रदेश स्तर एवं जनपद स्तर की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौपा।
जिसमें उन्होनें बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वीकारा गया है। लेकिन मण्डी में भाव उससे कम रहे। किसान को लागत मिलती है।
कृषि उत्पादों का मूल्य नियंत्रण सदा ही रहा इस कारण स्वतंत्र बाजार व्यवस्था विकसित नहीं हो सकी। उन्होनें कहा कि कृषि आदान तो महंगे होते जा रहे है। परन्तु न्सूनतम समर्थन मूल्य बहुत पीछे है।
किसान को आदान पूर्तिकर्ता उसकी उपज का व्यापार करने वाले तथा उद्योग चलाने वाले सभी तो फल फूल रहे है एवं सम्पन्न हो रहे है। लेकिन किसान कर्जदार और गरीब से गरीब होता जा रहा हैं।
बाजार भाव एवं न्यूनतम मूल्य में भी सैकडों रूपये का अन्तर है। एक दो प्रान्तो को नयूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिल रहा है। शेष देश भर का किसान वंचित रहे इसका कोई ना कोई तो समाधान हो ही जाता है।
सभी कृषि वैज्ञानिक संस्थान उत्पादन बढाने में लगे हुए है। क्या किसान की आय बढाने या लागत घटानें पर प्राथमिकता से कार्य नहीं होना चाहिए।
जनपद में कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश स्तर में प्रधामंत्री किसान सम्मान निधि 3 लाख 15 हजार 8 सौ 45 किसाना है। जिनमें 3 लाख 8 हजार 26 किसानों ने पंजीकरण कराया था। जिसमें 2 लाख 8 हजार 8 सौ 55 किसानों को सम्मान निधि प्राप्त हो रही है।
कई किसान संबंधित विभाग में जाकर कई बार कागज प्रस्तुत कर चुके है। इसके बाद भी अब तक उन किसानों को सम्मान निधि नहीं मिल सकी। शेष किसानों को अविलम्ब सम्मान निधि दिलाई जायें।
अन्ना जानवरों, वन रोजो, जंगली सुअरों से जो किसानों की फसल नष्ट हो रही हैं उनका स्थायी समाधान किया जायें। निजी ट्यूबबेलों पर बिजली विभाग द्वारा मीटर लगाने का आदेश वापिस लिया जायें एवं बढी हुई विद्युत दरें वापिस की जायें।
कोरोना समय का बिजली बिल माफ किया जायें। खकसीस कृषि बीज भण्डार लगभग 10 वर्ष से बंद पडा है उसे चालू कराया जायें। डीजल की कीमत किसानों के लिए कम की जायंे और किसानों को कृषि कार्य के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर डीजल उपलब्ध कराया जायें।
अतिवृष्टि एवं बाढ के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों एवं फसलों के नुकसान की भरपाई की जायें तथा बीमा राशि का भुगतान कराया जायें।
माधौगढ में गन्ना मिल की स्थापना की जायें। उन्होनें जनपद के किसानों सहित प्रदेश एवं देश के किसानों की समस्याओं को देखते हुए कहा कि किसानों की जो भी समस्यायें है उनका सासमय निराकरण कराया जायें। जिससे किसानों को किसी तरह की परेशानी न होने पायें।
किसान सभा को प्रान्त संगठन मंत्री कमलेश, प्रान्त अध्यक्ष साहब सिंह चैहान, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रवि शंकर निरंजन, जिलाध्यक्ष अरूण कुमार सक्सेना, जिला उपाध्यक्ष आनन्द कुमार द्विवेदी, जिलामंत्री शिवराज सिंह निंरजन आदि लोगों ने सभा को संबोधित करते हुए किसान हित में अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।
किसान सभा में मुख्य रूप से आनन्द द्विवेदी, जिला उपाध्यक्ष, विजय चन्द्र जिलाकोषाध्यक्ष, अनिरूप सिंह जिलाउपाध्यक्ष, अशोक सोनी युवा जिला प्रमुख, रामआसरे जैविक प्रमुख, राम बाबू सिंह ब्लाक अध्यक्ष डकोर, ज्ञानेन्द्र सिंह ब्लाक अध्यक्ष महेवा, धीरेन्द्र सिंह ब्लाक अध्यक्ष कोंच, दयाल सिंह ब्लाक अध्यक्ष नदीगांव, कृपाशंकर जालौन, अनिल द्विवेदी कदौरा, ओमप्रकाश द्विवेदी जखौली, विद्याराम वर्मा पिथउपुर, आनन्द श्रीवास्तव उरई, बृजेन्द्र सिंह बढैरा, रमेश मिश्रा कैलिया आदि ने प्रतिभाग किया।