सभासद ने महिला की गरीबी का मैसेज किया वायरल
बेटी के शादी के लिए आगे आया कोविड फाइटर्स ग्रुप
आज आएगी बेटी की बरात फाइटर्स करेंगे स्वागत
भरुआ सुमेरपुर। कस्बे के वार्ड नंबर आठ में एक गरीब बेटी की शादी की व्यवस्था न होने के होने पर वार्ड के सभासद ने एक मैसेज वायरल किया. जिस पर बेटी की शादी में मदद करने के लिए बड़ी संख्या में कस्बे के युवाओं ने आगे बढ़कर आये है.
गुरुवार की रात में ही कोविड फाइटर्स ग्रुप के सदस्यों ने बेटी के घर पहुंच कर उसकी स्थिति को देखते हुए सारी व्यवस्थाएं करने की जिम्मेदारी उठाने का आश्वासन दिया. कस्बे के वार्ड नंबर आठ में एक महिला अपनी बेटी के साथ रह रही है. उसका पति 15 वर्षों से लापता है. जो आज तक लौट कर घर नहीं आया है. महिला के ऊपर दो बेटियों व दो बेटों के लालन पालन की जिम्मेदारी आ गई.
महिला मजदूरी करके बच्चों को पाल पोश कर बड़ा किया है. बड़ी बेटी की शादी पिछले वर्ष पड़ोसियों की मदद से निपटाई थी. सयानी हो रही दूसरी बेटी की शादी तय हो गई और 19 जून को बरात आनी है. लेकिन कोरोना कर्फ्यू के चलते मजदूरी करने का मौका भी नहीं मिला. जिससे उसकी स्थिति खराब होती चली गई.
बेटी की शादी तय होने से वह बेहद परेशान रहने लगी. महिला की स्थिति की जानकारी जब वार्ड के सभासद राजेश सहारा को हुई तो वह महिला की स्थिति को बताते हुए एक मैसेज वायरल किया. जिस पर कस्बे के युवाओं ने हर संभव मदद के लिए आगे आने लगे. कस्बा का कोविड फाइटर्स ग्रुप ने भी उस महिला के घर पहुंच कर उसकी स्थिति देखी. जहां महिला का परिवार मायूस बैठा हुआ था कि शादी का कैसे इंतजाम किया जाय.
फाइटर्स सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि बेटी की शादी शनिवार को होनी है. लेकिन बेटी के घर में शादी की व्यवस्थाएं न होने के कारण मड़वा(मंडप) आदि कार्यक्रम रुके पड़े थे. लेकिन जब फाइटर्स ग्रुप के सदस्यों ने महिला को पूरी मदद करने का आश्वासन दिया तो रात 11 बजे शादी विवाह के कार्यक्रम शुरू हुए.
फिर फाइटर्स ग्रुप के आह्वान पर लोगों ने नगदी के साथ फल, सब्जी, आटा, रिफाइंड आदि देने की लाइन लग गई और शादी के घर में खुशी की रौनक दौड़ गई. बेटी के हाथ पीले करने के लिए सभी युवाओं ने हर संभव मदद देकर बेटी का विवाह धूमधाम करने का निर्णय लिया है. 19 जून को बेटी की बरात का स्वागत कोविड फाइटर्स ग्रुप के सदस्यों ने करने की बात कही है.
वार्ड सभासद राजेश सहारा ने कहा कि कस्बे में दानवीरों की कमी नहीं है. सिर्फ लोगों की समस्याओं की जानकारी हो तो कस्बे के युवा आगे बढ़कर उस समस्या को हल करने में हरसंभव प्रयास करने में लग जाते हैं और उसी का परिणाम है कि एक बेटी की शादी पूरे धूमधाम के साथ होने जा रही है।