INS VIKRANT के उद्घाटन में शामिल हुए ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस, बोले- ‘भारत के लिए बड़ा दिन’
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना को सौंप दिया. अब आईएनएस विक्रांत सुमद्र में भारत की आन-बान-शान बनेगा. नए एयरक्रॉफ्ट करियर के साथ ही भारतीय नौसेना को अब नया झंडा भी मिल गया. नौसेना के इस नए झंडे ने वर्षों से चले आ रहे गुलामी के उस निशान को खत्म कर दिया जो कि फ्लैग में क्रॉस के रूप में मौजूद था.
आईएनस विक्रांत के उद्घाटन के समय युद्धपोत पर ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस भी मौजूद रहे. उद्घाटन से पहले एलिस ने एयरक्रॉफ्ट करियर के डेक से एक वीडियो भी बनाया और ट्वीट कर कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आईएनएस विक्रांत के कमीशन पर उपस्थित होने के लिए सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि यह भारतीय नौसेना और खुले और मुक्त समुद्र के लिए एक महान दिन है.
Honoured to be present at the commissioning of #INSVikrant by @narendramodi – a great day for 🇮🇳 @indiannavy & for open & free seas pic.twitter.com/grxwUQDNXz
— Alex Ellis (@AlexWEllis) September 2, 2022
बता दें कि करीब 17 साल के निर्माण के बाद आईएनस विक्रांत को शुक्रवार को नौसेना को सौंप दिया गया. आईएनएस विक्रांत को चालू करने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज तक भारतीय नौसेना के झंडों में गुलामी की निशानी थी, जिसे भारत ने औपनिवेशिक अतीत को त्याग दिया है.
‘‘ आज दो सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है. आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है. आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है.’’
-पीएम मोदी
आईएनएस विक्रांत सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण
आईएनएस विक्रांत को समुद्र में उतारते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ आईएनएस विक्रांत भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है. आईएनएस विक्रांत के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी स्तर पर विमानवाहक पोत बना सकते हैं.’’
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मोदी ने कहा, ‘‘ विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है. विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है. विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है. यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है.’’ सीएसएल पर आईएनएस विक्रांत के जलावतरण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरी कुमार सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए.
एयरक्राफ्ट करियर में दो हजार से ज्यादा कमरे
आईएनएस विक्रांत की कुल लंबाई 262 मीटर तथा चौड़ाई 62 मीटर है. यह जहाज समुद्र में अपनी अधिकतम रफ्तार 28 समुद्री मील से एक बार में 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है. इस एयरक्रॉफ्ट में करीब 2200 कमरे हैं. 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह विमान वाहक जहाज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. यह देश में बने ‘एडवांसड लाइट हेलीकॉप्टर’ (एएलएच) के अलावा मिग-29के लड़ाकू विमान सहित 30 विमान संचालित करने की क्षमता रखता है. इसमें लगभग 1600 चालक दल मौजूद रह सकते हैं.