लखीमपुर के बाद किसानों का दिल्ली कूच, सात बॉर्डरों पर पुलिस की नाकेबंदी

दिल्लीः राकेश टिकैत की अगुवाई में किसान संयुक्त मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में धरना समाप्त कर सोमवार से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू करने का ऐलान किया है. इस दौरान भारी तादाद में दिल्ली में किसानों की जुटने की आशंका को लेकर बॉर्डर पर अलर्ट जारी कर दिया गया है. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस और अर्धसैनिक बल की तैनाती कर दी गई है. साथ ही बैरिकेडिंग लगा दी गई है. इतना ही नहीं किसानों के धरने प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली जाम की समस्या से भी गुजर रही है.

दिल्ली में सोमवार से प्रदर्शन को लेकर रविवार शाम से  ही किसानों का पहुंचना शुरू हो गया था. वहीं सुबह नोएडा-दिल्ली(चिल्ला बॉर्डर) पर पुलिस ने वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी. इसको लेकर वाहनों का लंबा जाम लग गया. सुबह दफ्तर जाने वाले लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा. काफी देर तक हजारों की तादाद में वाहन जाम में फंसे रहे.

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दिल्ली के इन बॉर्डरों पर नाकेबंदी
-गाजीपुर बॉर्डर-बदरपुर बॉर्डर-टिकरी बॉर्डर-कोंडली बॉर्डर-गुरुग्राम बॉर्डर-लोनी बॉर्डर-चिल्ला बॉर्डर
-चिल्ला बार्डर पर लगा जाम

लखीमपुर में 75 घंटे का दिया था धरना
पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 अगस्त से यूपी के लखीमपुर-खीरी मामले को लेकर 75 घंटे का धरना-प्रदर्शन शुरू किया था. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और जेल में बंद किसानों की रिहाई समेत अन्य लंबित मांगों को पूर्ण करने की मांग की गई. 40 किसान समूह के इस संगठन ने प्राथमिक तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागू करने की मांग की. लखीमपुर खीरी की राजापुर कृषि मंडी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे. इससे पहले 31 जुलाई को केंद्र सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में पंजाब में किसानों ने अमृतसर, भटिंडा, अंबाला, पंचकुला और कैथल में रेलवे ट्रैक को जाम करके विरोध प्रदर्शन किया था. किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और तिकुनिया हिंसा कांड में जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग भी की.

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