सरकारी दस्तावेजों को जमा नहीं करने के मामले में फंसेंगे ट्रंप और कुछ सहयोगी
दिल्लीः प्रेसीडेंट के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के अंत से चार दिन पहले व्हाइट हाउस के एक सहयोगी ने जब ओवल ऑफिस में झांका तो चौंक गए. राष्ट्रपति की सभी निजी तस्वीरों अभी भी डेस्क के पीछे पड़ी थीं जैसे कि कुछ भी नहीं बदला है. ये इस बात की गारंटी था कि व्हाइट हाउस में उनके अंतिम घंटे काफी भागदौड़ भरे होंगे. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहायक और निजी सहयोगियों के उपयोग किए जाने वाले सामान को पैक करने के लिए बक्से लाए गए थे. लेकिन दस्तावेजों बिखरे हुए थे और बक्से लगभग खाली खड़े थे.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक जब ट्रंप ने अंततः महसूस किया कि उनका समय खत्म हो गया तो पिछले कई महीनों से अपने कार्यालय में उन्होंने जो कागजात जमा किए थे, उन्हें बक्से में भर दिया गया. उनमें से लगभग दो दर्जन बक्से राष्ट्रीय अभिलेखागार को नहीं भेजे गए. उनके सहयोगी उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन के पत्रों को भी अपने साथ ले गए जिन्हें ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम समय में दिया गया था.
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अब वह सारी सामग्री कहां है, यह स्पष्ट नहीं है. साफ है कि ट्रंप के लिए सरकारी दस्तावेजों को संभालना कठिन समस्या था. इसके साथ ही सत्ता छोड़ने की उनकी अनिच्छा भी थी. उनके पद पर रहते हुए एकत्र किए गए सरकारी दस्तावेजों को वापस करने से इनकार करने के कदम ने संभावित रूप से एक नुकसानदायक और पूरी तरह से जरूरी कानूनी लड़ाई को जन्म दिया है. जिसमें पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और उनके कुछ सहयोगियों के फंसने की आशंका है.
जबकि ट्रंप के अंतिम चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज को व्हाइट हाउस के वकील के कार्यालय ने पहले ही बताया था कि लगभग दो दर्जन बक्सों में भरी सामग्री को अभिलेखागार को भेजा जाना चाहिए. उनमें से कुछ बक्से वे हैं, जिनमें किम के पत्र और कुछ ऐसे दस्तावेज हैं जिनको अत्यधिक गोपनीय के रूप में चिह्नित किया गया था. इसके बावजूद उन्हें फ्लोरिडा भेज दिया गया. वहां वे पिछले 19 महीनों में ट्रंप के आलीशान निवास मार-ए-लागो के अंदर पड़े थे.