गैर-कश्मीरियों के वोटिंग राइट पर जम्मू कश्मीर में सर्वदलीय बैठक
श्रीनगर में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के आवास पर “जम्मू-कश्मीर में नए मतदाताओं के पंजीकरण” को लेकर एक सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी मौजूद थीं। संशोधित मतदाता सूची में मतदाताओं को जोड़ने पर केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार की टिप्पणी के बाद बैठक बुलाई गई थी। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर के सूचना और जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) ने यह कहते हुए स्पष्टीकरण जारी किया कि कश्मीरी प्रवासियों के नामांकन के लिए विशेष प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम सितंबर में सभी राष्ट्रीय दलों के नेताओं को जम्मू-कश्मीर में आमंत्रित करेंगे और अपने मुद्दों को उनके सामने रखेंगे। फारूक अब्दुल्ला ने ‘जम्मू-कश्मीर में नए मतदाताओं के पंजीकरण’ पर चर्चा के लिए आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस (जेकेपीसी) के अध्यक्ष सजाद गनी लोन ने हालांकि बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रविंदर रैना ने भी त्रिकुटा नगर में पार्टी मुख्यालय में पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक बैठक बुलाई। बैठक का एजेंडा फारूक अब्दुल्ला और अन्य द्वारा श्रीनगर में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के खिलाफ जवाबी रणनीति तैयार करना था। विशेष रूप से चुनाव आयोग ने 17 अगस्त को जम्मू और कश्मीर में विशेष सारांश संशोधन के कार्यक्रम की घोषणा की, और घोषणा की कि जो लोग क्षेत्र से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विधानसभा में मतदाता नहीं थे, उनका नाम अब मतदाता सूची में रखा जा सकता है।