भड़के ड्रैगन से मुकाबला करेगा जापान, चीन तक मार करने वाली लंबी रेंज की मिसाइलें होंगी तैनात

दिल्लीः ताइवान और जापान के आर्थिक क्षेत्रों के आस-पास चीनी मिसाइलों के दागे जाने पर जापान ने अब चीन से मुकाबला करने की ठानी है. अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान यात्रा के बाद से चीन ने अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था. जिससे ताइवान और जापान के समुद्री इलाकों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. जापान अब चीन के खिलाफ अपनी जवाबी हमला करने की क्षमता बढ़ाने के लिए लंबी दूरी की 1,000 क्रूज मिसाइलों की तैनाती पर विचार कर रहा है. योमीउरी अखबार के मुताबिक जापान अपने मिसाइलों की रेंज को बढ़ाएगा. मौजूदा हथियारों में सुधार किया जाएगा जिससे उनकी सीमा 100 किमी (62 मील) से 1,000 किमी. तक बढ़ाई जा सके.

योमीउरी की रिपोर्ट के मुताबिक जहाजों या विमानों से लॉन्च की जाने वाली मिसाइलें मुख्य रूप से दक्षिणी नानसेई द्वीपों के आसपास तैनात होंगी. ये उत्तर कोरिया और चीन के तटीय इलाकों तक मार करने में सक्षम होंगी. ताइवान की सीमा के आसपास  चीन बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रहा है. जापान के सबसे दक्षिणी द्वीप क्षेत्र ओकिनावा का हिस्सा ताइवान के सबसे करीब है. रक्षा मंत्री किशी ने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब चीनी बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं. जापान के जिस आर्थिक क्षेत्र के पास चीनी मिसाइलें गिरी हैं, वह क्षेत्र जापान के समुद्र तट से 200 समुद्री मील दूर है.

जापान का पोस्ट-वॉर संविधान (Post-War Constitution) कहता है कि वह अपनी सेना का उपयोग केवल आत्मरक्षा के लिए करेगा. इसलिए उसने अपने सैन्य खर्च को बढ़ा दिया है और हाल के वर्षों में अधिक मुखर रणनीति अपनाई है. वहीं जापान के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी है.

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