प्राकृतिक खेती का मसौदा केंद्र को सौंपेंगे प्रदेश के किसान

बांदा,संवाददाता। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने के प्रदेश सरकार के फैसले के बाद किसानों ने इसकी रीति और नीति पर मसौदा तैयार करने की शुरुआत की है। यह पहल बुंदेलखंड से हुई है। बड़ोखर खुर्द गांव स्थित ह्यूमन एग्रेरियन सेंटर में प्रदेश के 35 जिलों के अलावा केरल और महाराष्ट्र के प्रगतिशील किसान जुटे।

प्राकृतिक खेती के 12वें वार्षिक सम्मेलन और ग्रामोत्सव का आयोजन किया। इसमें तय हुआ कि प्राकृतिक खेती का मसौदा तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा।

सम्मेलन में केंद्र सरकार की ओर से गठित एमएसपी निर्धारण समिति के एक मात्र किसान प्रतिनिधि और पद्मश्री भारत भूषण त्यागी ने किसानों का आह्वान किया कि प्राकृतिक खेती के अपने अनुभवों के आधार पर संकलित व्यवहारिक पहलुओं को प्रस्ताव के रूप में केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें।

ताकि प्राकृतिक खेती की रीति और नीति निर्धारण में सरकार का दृष्टिकोण किसानों की व्यवहारिक जरूरतों की पूर्ति करने वाला हो।

बुंदेलखंड के प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह ने ह्यूमन एग्रेरियन सेंटर में प्रकृति के साथ तालमेल भरा संतुलन कायम करते हुए जैविक पद्धति पर आधारित कृषि का सफल मॉडल शुरू किया है। यह पूरी दुनिया में प्रचलित हो रहा है।

देश-विदेश के किसान यहां आकर प्राकृतिक खेती के गुर सीख रहे हैं। त्यागी ने कहा कि सरकार के दावे हैं कि सभी सरकारी योजनाएं किसानों तक पहुंच रही हैं, जबकि हकीकत कुछ और है।

इसी वजह से आर्थिक विषमता की खाई लगातार बढ़ रही है। सम्मेलन के मेजबान प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह ने सभी किसानों और उनके प्रतिनिधियों की अगुवानी की और कार्यक्रम का मकसद बताया।

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