ढाई सौ साल पुराना भुईयन देवी मंदिर के 24 घंटे खुले रहते है कपाट,देवी पर जल चढाने की है परंपरा

दिल्लीः यूपी की राजधानी लखनऊ के गणेशगंज में ढाई सौ साल पुराना भुईयन देवी मां का एक ऐसा मंदिर है, जिसके कपाट कभी भी बंद नहीं होते. यानी इस मंदिर के कपाट 24 घंटे भक्तों के लिए खुले रहते हैं. यही वजह है कि किसी भी वक्त भक्त यहां पर आकर दर्शन कर सकते हैं. इस मंदिर की एक सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यहां पर सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक देवी पर जल चढ़ाया जाता है. इसके बाद उनका श्रृंगार किया जाता है और रात 8:30 बजे आरती की जाती है. आरती के बाद भी इस मंदिर का पर्दा कभी नहीं गिराया जाता.

स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है कि जब भी इस मंदिर पर पर्दा लगाया गया तब-तब पर्दे में या तो आग लग गई या पर्दा अपने आप ही गिर गय, जिसके बाद से इस मंदिर में माता के सामने कभी भी पर्दा नहीं लगा गया. इस मंदिर में देवी का मुख पूर्व दिशा की ओर है. इस मंदिर की खासियत यह भी है कि भुईयन देवी मां के ठीक दाहिने हाथ पर बगल में संकटा माई भी मौजूद हैं. दोनों की एक साथ ही पूजा-अर्चना होती है. यहां श्रद्धालु माता रानी की परिक्रमा भी लगाते हैं.

इस मंदिर की पुजारी कुमुदनी सैनी का कहना है कि करीब ढाई सौ साल पहले इस जगह पर जंगल हुआ करता था. उनकी नानी इस जंगल में आई थीं तो उन्होंने देखा कि यहां पर देवी मां की मूर्ति है, उन्होंने इस मूर्ति को सजाना और पूजन करना शुरू कर दिया था. ऐसी मान्यता है कि यहां पर कोई भी अपना रोग लेकर आता है तो वह भी ठीक हो जाता है. इसके अलावा इस मंदिर की सेवा महिलाएं ही करती हैं. यह उनकी पांचवीं पीढ़ी है.

यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर देवी पर जल चढ़ाया जाता है. जल चढ़ाने का समय सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक है. इसके अलावा रोजाना यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. माता भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. भक्त यहां पर घंटी बांध के जाते हैं और माता रानी को श्रृंगार का सामान अर्पित करते हैं. वहीं इस मंदिर में नवरात्रि पर मेला भी लगता है. भुईयन देवी को बर्फी का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा भक्त खीर और पूड़ी हलवा भी चढ़ाते हैं. इस मंदिर से गरीबों को दो वक्त का भोजन भी बांटा जाता है.

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