फोरम नें बीमा कंपनी को ठोका साढ़े चार लाख से ज्यादा का जुर्माना

बाँदा। जिला उपभोक्ता आयोग ने नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी के मंडल प्रबंधक को आदेश दिया कि चोरी गए वाहन का बीमा क्लेम 4 लाख 46 हजार रुपए मय 7 फीसदी ब्याज सहित अदा करे।

साथ ही परिवादी को हुई मानसिक तनाव और मुकदमा दायर करने पर हुए खर्च के लिए 8000का जुर्माना भी लगाया गया। उपभोक्ता अदालत ने आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक माह का समय दिया गया।


मामला इस तरह था कि चंदा पत्नी रघुराज सिंह ग्राम दुरेड़ी ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के मंडलीय प्रबंधक कानपुर के विरुद्ध जुलाई 2014में शिकायत दर्ज कराई गई थी की उनका महिंद्रा वाहन बोलेरो जीप यू पी 90ई 6312 दिनाक 22मई 2012 को किरण कालेज बांदा के पास से चोरी चला गया था। चोरी के समय वाहन बीमित था।

परिवादी के अधिवक्ता दिलीप सिन्हा ने अपनी शिकायत दर्ज कराने में कहा कि बीमा कंपनी ने गलत तरीके से उनके मुवक्किल का क्लेम निरस्त किया गया है।


नेशनल इंश्योरेंस को प्रतिवाद पत्र देने के लिय नोटिस भेजा गया। विपक्षी की ओर से उनके अधिवक्ता का कहना है कि वादी ने अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए वाद दायर किया गया है और निरस्त किए जाने योग्य है।


जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग के न्यायाधीश अध्यक्ष तूफानी प्रसाद और सदस्य अनिल कुमार चतुर्वेदी की पीठ ने दोनो पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी। और 8 पेज का निर्णय करते हुए कंपनी को आदेश दिया कि वह एक माह के अंदर परिवादिनी को चोरी गए वाहन का क्लेम 446000 माय 7 फीसदी ब्याज सहित अदा करे।

इसके अलावा मानसिक तनाव और मुकदमा दायर करने में हुए खर्च के लिए 8000रुपया भी अदा करे। आयोग द्वारा दी गई समय सीमा समाप्त होने पर वादी को निर्णित राशि वसूल करने का अधिकार होगा।उक्त जानकारी रीडर न्यायालय स्वतंत्र रावत ने दी।

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