बाघों की धमाचैकड़ी से आबाद होगा पार्क

बांदा,संवाददाता। एक तरफ जहां केन-बेतवा लिंक परियोजना में बुंदेलखंड के एकलौते बाघ अभ्यारण्य पन्ना टाइगर रिजर्व में आबाद बाघों के उजड़ने की संभावनाएं हैं तो दूसरी तरफ यहां बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है।

रिजर्व पार्क की बाघ जनसंख्या में अगले 5 सालों में विशेषज्ञों ने भावी वृद्धि का पूर्वानुमान जताया है। जल्द ही यहां बाघों की संख्या का आंकड़ा 100 तक पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है। अभी पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क में लगभग 64 बाघ बताए गए हैं।

विशेषज्ञों ने पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी के संबंध में जायजा लिया है। साथ ही इनकी संख्या का पूर्वानुमान लगाया है। पिछले वर्ष लगातार कैमरा ट्रैप निगरानी डाटा के आधार पर पार्क में प्रजनन के लिए अपेक्षित मादा बाघ की सूची तैयार की है।

इसमें करीब 28 बाघिन प्रजनन योग्य हैं। इसी वर्ष मई माह में एक बाघिन (पी-213-32) की कुदरती कारणों से मौत हो गई। पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क बाघों की बदौलत ही आबाद है। बड़ी संख्या में दूर दराज से सैलानी सिर्फ बाघ देखने ही आते हैं। यह पार्क प्रशासन की आमदनी का जरिया भी हैं।

दूसरी तरफ रिजर्व पार्क को केन-बेतवा लिंक परियोजना में शामिल किए जाने से पार्क के लाखों पेड़ों के साथ बाघों और यहां संरक्षित गिद्ध व अन्य जीव जंतुओं के उजड़ जाने का खतरा मंडरा रहा है।

इसका पर्यावरण प्रेमी लगातार विरोध भी कर रहे हैं। बुंदेलखंड के एकलौते टाइगर रिजर्व पार्क में बाघों के संख्या में संभावित वृद्धि एक अच्छी खबर है।

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