यमुना खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर पहुंची
बांदा,संवाददाता। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश और राजस्थान के धौलपुर बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से उफनाई यमुना नदी रौद्र रूप लेती जा रही है। खतरे का निशान पार कर लगभग दो मीटर ऊपर बह रही है।
लगभग पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। उधर, मध्य प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश से बांधों के उफनाने पर केन नदी का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
खतरे से निशान अब महज दो मीटर दूर है। केंद्रीय जल आयोग ने सोमवार को भी दोनों नदियों के बढ़ने का अनुमान जताया है।
बाढ़ से बांदा-बहराइच स्टेट हाईवे पर आवागमन बंद हो गया। कानपुर-लखनऊ जाने के लिए अब वाहन सवारों को लगभग 20 किलोमीटर अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। पिछले 24 घंटे में तेजी के साथ जलस्तर बढ़ने से यमुना नदी का जलस्तर सोमवार को 101.86 मीटर पर पहुंच गया, जबकि नदी का खतरे का निशान 100 मीटर है।
यमुना नदी लगभग दो मीटर के ऊपर बह रही है। यमुना नदी की बाढ़ का पानी तटवर्ती इलाकों में तेजी से घुसने लगा है। आधा सैकड़ा से ज्यादा गांव और मजरे टापू बनने की कगार पर आ गए हैं। उधर, केन नदी का जलस्तर भी करीब पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
रविवार को 101 मीटर पर बह रही केन रविवार को शाम 7 बजे तक 102.10 मीटर पर पहुंच गई। केन का खतरे का निशान 104 मीटर है। दो मीटर रह गई है, लेकिन बाढ़ की संभावना पर प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में तैयारियां शुरू कर दी हैं।
दोनों नदियों के जलस्तर में तेजी के साथ हो रही वृद्धि से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने जरूरी गृहस्थी के साथ सुरक्षित ठिकानों की तरफ पलायन शुरू कर दिया है। लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा गांवों में पानी घुस गया है।
ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए 31 नावों को लगाया गया है। बाढ़ चैकियों को भी सक्रिय कर दिया। यमुना की बाढ़ से बांदा-बहराइच हाईवे ठप हो गया। वाहनों को हमीरपुर और तिंदवारी होकर निकाला जा रहा है।