सड़कों में घूमकर हादसों का शिकार हो रहा बेसहारा गोवंश भूख से भी मर रहे

बीती रात ललपुरा के पास भारी वाहन ने कुचले दो गोवंश

भरुआ सुमेरपुर। एडीओ पंचायत के प्रशासक बनने के बाद ब्लॉक की अस्थायी गौशालाओं से रिहा किया गया अन्ना गोवंश मौजूदा समय में भूख प्यास के साथ सड़कों में हादसों का शिकार होकर दम तोड़ने को मजबूर है.
बीती रात राठ मार्ग में ललपुरा के समीप स्टेट हाईवे में 2 गोवंश को किसी भारी वाहन ने कुचल दिया. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके 2 दिन पूर्व कलौली जार में पंचायत भवन के सामने एक गोवंश ने भूख प्यास से दम तोड़ दिया था.
प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने पर एडीओ पंचायत को पंचायतों का प्रशासक बनाया गया था. इनके प्रशासक बनते ही पंचायतों की अस्थाई गौशालाओं में बंद बेसहारा गोवंश दुर्दशा का शिकार होने लगा था. भूसा चारा के अभाव में आए दिन तड़पकर मौत के मुंह में समा रहे गोवंश को प्रशासक के इशारे पर पंचायत सचिवों ने मार्च माह में चुपके से रिहा कर दिया था.
कुछ दिन तक यह गोवंश गांवो में अन्ना घूम कर खेतों में बचे फसलों के अवशेष से भूख शांत करता रहा. अब खेतों में फसलों के अवशेष भी नहीं बचे हैं लिहाजा यह बेसहारा गोवंश भूख प्यास से तडपता हुआ इधर से उधर मारा मारा घूम रहा है.
प्रधानों को चार्ज मिलने के बाद अभी तक डोंगल नहीं मुहैया कराए गए हैं. इससे प्रधानों के हाथ अभी तक पंगु बने हुए हैं. अस्थायी गौआश्रय स्थल में इनके बंद न होने के कारण यह सड़कों में घूमकर हादसों का शिकार हो रहा है. बीती रात राठ मार्ग पर ललपुरा गांव के समीप किसी भारी वाहन ने 2 गोवंश को बुरी तरह से रौंद दिया. दोनों की मौके पर मौत हो गई.
सुबह ग्राम प्रधान अरविंद यादव ने जेसीबी मशीन से गड्ढा खुदवाकर दोनों के शवो को दफन कराया है. इसी तरह 2 दिन पूर्व कलौली जार में पंचायत भवन के सामने भूख प्यास से तड़पकर एक वृद्ध गोवंश ने दम तोड़ दिया था. जिसे प्रधान ने आनन-फानन में दफन करा दिया था. ग्रामीणों के अनुसार बेसहारा गोवंश का गांव गांव बुरा हाल है.
यह गांव की गलियों में घूमकर भूख प्यास बुझाने को विवश है. एडीओ पंचायत सत्यप्रकाश गुप्ता के अनुसार जब तक खेतों में फसलों की बुवाई नहीं हो जाती है. तब तक इनको संरक्षित कराना उचित नहीं है. बुवाई के बाद आदेश जारी करके इनको संरक्षित कराया जाएगा.
बता दें कि ब्लॉक की 57 ग्राम पंचायतों में सरकारी रिकार्ड के अनुसार 4280 गोवंश संरक्षित है. इसके अलावा कस्बे की कान्हा गौआश्रय स्थल में 1100 बेसहारा गोवंश संरक्षित है.
ब्लाक में कुल 5380 बेसहारा गोवंश सरकारी रिकॉर्ड में संरक्षित है लेकिन मौजूदा समय में यह सभी गोवंश भूख प्यास से तड़पता हुआ सड़कों में इधर उधर भटककर हादसों का शिकार हो रहा है. सत्ता में बैठकर गाय गंगा की सुरक्षा की सौगंध खाने वाले भी गोवंश की इस दुर्दशा पर मौन हैं।
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