मच्छरों की रोकथाम को अभियान
बांदा,संवाददाता। मच्छरजनित रोगों की रोकथाम को मानसून से पहले मलेरिया विभाग सक्रिय हो गया है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया रोधी अभियान चलाया जा रहा है। पात्रों में जमे पानी में पैदा मच्छरों के लार्वा नष्ट किए जा रहे हैं।
साथ ही टीमें मलेरिया समेत डेंगू व फाइलेरिया रोगों से बचाव के तरीके बता रही हैं। अभियान 30 जून तक चलेगा। हर रविवार को मच्छरों पर वार कार्यक्रम भी चलेगा। छह माह में 8936 नमूनों में 9 मलेरिया पॉजिटिव केस मिले हैं।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने के बाद अब बारिश के मौसम में मलेरिया, डेंगू व फाइलेरिया आदि रोगों का खतरा मंडराने लगा है। कोविड सर्वे के साथ-साथ मच्छरजनित रोगों पर रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग,मलेरिया विभाग अभियान चला रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने बताया कि इसमें आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी और एएनएम आदि को लगाया गया है। रोजाना टीमें गांवों में भ्रमण कर लोगों को मच्छरजनित रोगों के प्रति जागरूक कर रही हैं। वॉल पेंटिंग भी कराई जा रही है।
जलभराव वाले स्थानों पर दवा छिड़काव किया जा रहा है। बताया कि हर रविवार को मच्छर पर वार कार्यक्रम के तहत लोगों को घर व आसपास सफाई के प्रति प्रेरित किया जाएगा। बुखार से ग्रसित मरीजों को जांच की सलाह दी जा रही है।
बताया कि मलेरिया रोगियों के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था है। जनवरी से अब तक जनपद में 8926 संदिग्धों के खून की जांच की गई। इनमें नौ मलेरिया के केस मिले हैं।
कूलर और पानी की टंकी को सप्ताह में दो बार साफ करें, कूलर के पानी में लार्वा नष्ट करने के लिए थोड़ा पेट्रोल डाल दें, रोजाना घड़े को साफ करने के बाद पानी भरें, बुखार होने पर खून की जांच कराएं, डेंगू की पुष्टि होने पर योग्य चिकित्सक से इलाज कराएं, घर या दफ्तर के आसपास जलभराव न होने दें।