जिला पंचायत की राजनीति का हिस्सा है शिवशंकर की सपा में इंट्री

बांदा,संवाददाता। करोड़ों रुपये का बजट और बेशुमार पावर वाली जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट के लिए राजनीतिक सरगर्मियां शुरू हो गईं हैं। भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री शिवशंकर पटेल का सपा में शामिल होना भी इसी राजनीति और जोड़तोड़ का अहम हिस्सा माना जा रहा है। जिला पंचायत में 30 सदस्य चुनाव जीतकर आए हैं।

इनमें सबसे ज्यादा 11 संख्या बसपा की बताई जा रही है। सत्तारूढ़ दल भाजपा के 7 और सपा के सदस्यों का आंकड़ा 4 बताया जा रहा है। तीन सदस्य अपना दल से जीते हैं। पांच निर्दलीय हैं। इन्हीं 30 सदस्यों में से 16 सदस्यों का विश्वास और वोट हासिल करने वाले को जिला पंचायत अध्यक्ष की महत्वपूर्ण सीट हासिल होगी।

शिवशंकर पटेल ने जिला पंचायत की राजनीति में अपने तेवर चुनाव के दौरान ही दिखा दिए थे। उनकी पत्नी कृष्णा देवी पटेल को वार्ड 5 से भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ीं। जीत भी गईं। खिसियाई भाजपा ने शिवशंकर पटेल को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया।

अब सपा में शामिल होकर शिवशंकर पटेल ने साफ संदेश दिया है कि पत्नी कृष्णा देवी को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। कृष्णा देवी वर्ष 2002 में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं हैं। समीकरण भी काफी हद तक उनके हक में नजर आ रहे हैं। कृष्णा देवी अपना दल से विधान सभा चुनाव लड़ चुकीं हैं। अपना दल से उनके तार जुड़े हैं।

अपना दल के तीन जिला पंचायत सदस्य चुनकर आए हैं। सपा के सदस्यों की संख्या चार है। सपा ने कृष्णा देवी को प्रत्याशी बनाया तो यह वोट भी लगभग मिलना तय है। 5 निदर्लियों में शिवशंकर की पैठ है। इनमें 2 सदस्य भगत सिंह और अशरफुल अमीन तो उनके सपा में शामिल होते समय लखनऊ में साथ ही में थे।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker