निगरानी समिति के सदस्यों को अच्छे ढंग से प्रशिक्षित किया जाए: नोडल अधिकारी

हमीरपुर। जनपद में कोविड के संक्रमण पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने तथा उसके लिए सभी व्यवस्थायें चुस्त दुरुस्त रखने के संबंध में एक आवश्यक बैठक का आयोजन शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी/सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग उप्र. एनजी रवि कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई।

बैठक में नोडल अधिकारी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति में कोविड-19 के जरा सा भी लक्षण जुखाम, बुखार, खांसी आदि प्रतीत होने पर तत्काल जांच कराकर कोविड की दवाओं का सेवन प्रारंभ किया जाए। इसके लिए जांच रिपोर्ट का इंतजार ना किया जाए, कोविड के इलाज में हर दिन-हर मिनट बेहद महत्वपूर्ण है। अतः इलाज में जरा सा भी देरी भारी पड़ सकती है। अतः इसमें कोई लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाओं का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है।
अतः लक्षण दिखाई देने पर निगरानी समितियों से दवा प्राप्त कर डाक्टर के सलाह के अनुसार तत्काल दवाओं का सेवन प्रारंभ कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि लक्षण होने पर जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी दवाओं का कोर्स लिया जायंे। वर्तमान महामारी के दृष्टिगत लोगों द्वारा अनावश्यक मलेरिया, टाइफाइड अथवा इसी प्रकार की अन्य बीमारी के चक्कर में कोविड-19 को जरा भी नजर अंदाज ना किया जाए। उन्होंने कहा कि लोग कोविड की लडाई में मानसिक तौर पर मजबूत रहें तथा आंक्सीजन लेवल पर नियमित रूप से नजर रखे।
नोडल अधिकारी ने कहा कि डाक्टरों द्वारा मरीजों से बात कर उनकी काउंसलिंग की जाए तथा नियमित रूप से दवाओं का सेवन करने, योगा करने तथा अनावश्यक पैनिक ना होने के बारे में जागरूक किया जाए। नोडल अधिकारी ने कहा कि निगरानी समितियों के माध्यम से लक्षण युक्त तथा सभी पांजिटिव मरीजों के पास अनिवार्य रूप से दवाओं की किट उसी दिन पहुंचाई जाए, निगरानी समिति के सदस्यों को अच्छे ढंग से प्रशिक्षित किया जाए। नोडल अधिकारी ने कहा कि 7 दिन में रिकवर ना होने वाले मरीजों को एल-2 में भर्तीकर अच्छा ट्रीटमेंट दिया जाए।
स्टेरांइड आदि का प्रयोग बहुत सोच-समझकर किया जाए। जनपद में हुई कैजुअल्टी, मौतों का आंडिट करा लिया जाए, प्रत्येक उम्र वर्ग का अलग-अलग डेटा रखा जाए। इस मौके पर उन्होंने वैक्सीनेशन टीम एवं कोविड-19 अस्पताल के प्रभारियो, सैम्पलिंग टीम के प्रभारी से बात कर अधिक से अधिक लोगों की आरटीपीसीआर एवं एंटीजन के माध्यम से जांच करने के निर्देश दिए।
कहा कि दूसरी वेव की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अधिक से अधिक टीकाकरण पर जोर दिया जाए तथा तीसरी वेब की भी तैयारी रखी जायंे। उन्होंने कहा कि आशा, एएनएम, फ्रंटलाइन वर्कर सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों एवं रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा सामंजस्य बनाकर टीम भावना के साथ कार्य किया जाए। इसके अलावा सभी एमओआईसी द्वारा भी आपस में कोआर्डिनेशन रखा जाए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों से भी बात कर एक क्षेत्र का फीडबैक लिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में सैंपलिंग बढ़ाई जाए। नोडल अधिकारी ने कहा कि साफ-सफाई एवं सैनेटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए।
वैक्सिनेशन निर्धारित प्रोटोकांल के अनुसार ही किया जाए। इस मौके पर नोडल अधिकारी ने जूम ऐप के माध्यम से जनपद की सभी निगरानी समितियों से बात कर जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने निगरानी समिति को टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करने ,अधिक से अधिक डोर टू डोर सर्वे करने व टीकाकरण के लिए पंजीयन की कार्रवाई कराने, लक्षण युक्त लोगों को दवा कीट उपलब्ध कराकर उनको जांच कराने हेतु प्रोत्साहित करने आदि के बारे में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद की सभी निगरानी समितियों द्वारा सक्रियता के साथ कार्य किया जाए।
इस दौरान जिलाधिकारी डा. ज्ञानेश्वर त्रिपाठी, नोडल अधिकारी कोविड सुजीत कुमार, सीडीओ केके वैश्य, अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी सदर/ज्वांइट मजिस्ट्रेट संजय कुमार मीणा, सीएमओ डा. आरके सिंह, सीओ सदर अनुराग सिंह तथा अन्य संबंधित मौजूद रहे।

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