कोविड संकट से ऑटो इंडस्ट्री हुई मुक्त, एक साल में इतने लाख का आंकड़ा हुआ पार
नई दिल्ली, एक समय था जब कोरोना काल के चलते पूरी ऑटो इंडस्ट्री ढप्प पड़ गई थी। कोविड-19 के दौरान सभी वाहन निर्माण करने वाली कंपनियों के प्रोडक्शन प्लांट, शोरूम बंद थे। जिसके चलते इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ था। उस नुकसान की भरपाई अभी भी कहीं न कहीं इंडस्ट्री कर रही है। हालांकि फाइनेंसियल ईयर 2023 की सेल्स रिपोर्ट को देखने के बाद मैन्युफैक्चर्स को काफी राहत मिली है। साल 2023 में ऑटो इंडस्ट्री ने 36 लाख से अधिक गाड़ियों की बिक्री की है।
साल 2019 का टूटा रिकॉर्ड
कोरोना महामारी आने से पहले साल 2019 में इंडस्ट्री ने 32 लाख गाड़ियों की बिक्री की थी, जिसका रिकॉर्ड पिछले फाइनेंसियल ईयर 2023 में बिकने वाली 36 लाख से अधिक गाड़ियों के आंकड़ों ने तोड़ दिया है। भारतीय कार बाजार में अपने अधिकांश मॉडलों के लिए वेटिंग पीरियड बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है।
जानिए क्या कहती है FADA की रिपोर्ट
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा मंगलवार को जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, फाइनेंसियल ईयर 23 में पीवी सेगमेंट में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। कई लॉकडाउन चरणों के साथ महामारी की अवधि में बिक्री रिकॉर्ड स्तर तक गिर गई। यहां तक कि इंडस्ट्री को महामारी के सबसे बुरे दौर के बाद की अवधि में सेमीकंडक्टर पार्ट्स की कमी और कंपोनेंट की बढ़ती लागत जैसी विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
इन वजहों से बढ़ रही गाड़ियों की बिक्री
कोरोना काल के दौरान सेमीकंडक्टर की भारी समस्या पैदा हुई। जिसके कारण गाड़ियों के प्रोडक्शन में अच्छा खासा असर पड़ा। पहले से प्रोडक्शन काफी तेज हो गया है, क्योंकि सेमीकंडक्टर की समस्या धीरे-धीरे दूर हो रही है।
वहीं लोगों पिछले साल एक से बढ़कर एक धांसू कारे लॉन्च हुई हैं, जिससे गाड़ियों की डिमांड काफी बढ़ी है। एक और फेक्टर है जिसके कारण बिक्री में ग्रोथ देखा गया है वो है लोगों के बीच एसयूवी गाड़ियों के क्रेज का। पिछले साल कई एसयूवी गाड़ियां भी लॉन्च की गई हैं।