हिंदी दिवस पर कवि कमल किशोर कमल हिन्दी को मिश्री से भी ज्यादा मीठी बोली कहा

हमीरपुर। कमल किशोर ने कहा कि पैदा होते ही मिला, जिस बोली में ज्ञान। मिश्री से मीठी लगी, हिंदी हिंदुस्तान। देवनागरी लिपि लिए, बढ़ा रही है मान। विश्व पटल पर छा गई, हिंदी जन-गण जान।।

प्रकृति संपदा सभ्यता, संस्कृति है अनमोल। उच्च-निम्न के उर बसी, हिंदी रब-सी बोल।। सब भाषाओं में अलग, रखती है पहचान। एक-एक स्वर ध्वनित है, वैज्ञानिक विधि ज्ञान।।

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