ब्लाक की प्रथम बैठक से नदारत रही महिला ग्राम प्रधान
भरुआ सुमेरपुर। महिला ग्राम प्रधान शपथ लेने के बाद एक बार फिर घरों पर ही कैद होकर रह गई और उनके प्रतिनिधियों ने कमान संभाल ली है. बुधवार को विकास खंड कार्यालय में हुई बैठक में पौथिया ग्राम प्रधान के अलावा कोई भी अन्य महिला प्रधान बैठक में शामिल नहीं हुई. बल्कि उनकी जगह उनके प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए.
पंचायती राज एक्ट के तहत महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देकर उनके सशक्तिकरण का अभियान छेड़ा गया है. लेकिन यह अभियान सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहता है.
मौजूदा समय में हुए पंचायत चुनाव में महिला प्रधान विजय हासिल कर सिर्फ प्रमाण पत्र लेने के लिए मतगणना स्थल श्रीगायत्री विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में आई थी. उसके बाद शपथ ग्रहण के दौरान महिला प्रधानों को विकास खंड कार्यालय में आने का सौभाग्य प्राप्त होता है.
लेकिन इस बार वर्चुअल माध्यम से शपथ होने से उनको विकास खंड कार्यालय आने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ. बुधवार को खंड विकास अधिकारी अभिमन्यु सेठ ने ग्राम प्रधानों की प्रथम बैठक बुलाई थी.
जिसमें विकास कार्यों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी थी. लेकिन पौथिया ग्राम प्रधान वंदना सचान के अलावा कोई महिला ग्राम प्रधान बैठक में शामिल नहीं हुई. बल्कि उनकी जगह उनके प्रतिनिधि के रूप में पति, पुत्र, देवर या जेठ सम्मिलित हुए हैं.
इससे साबित होता है कि महिलाओं का सशक्तिकरण अभी भी पुरुष प्रधान समाज के सामने घरों की चौखट के अंदर ही कैद है. बीडीओ ने बताया कि ग्राम प्रधानों को निर्देशित किया गया है कि वह बैठक में स्वयं उपस्थित हो. प्रतिनिधियों को बैठक में सम्मिलित नहीं किया जाएगा।