सिंचाई विभाग ने पूर्व आईजी को बंधी पर दिखाया अतिक्रमणकारी

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सिंचाई विभाग जागा कब्जाधारकों को थमाई नोटिस
भरुआ सुमेरपुर। जहां एक ओर सरकार भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर रही है. वहीं कस्बे में लोग सरकारी बंधी की जमीन को करोड़ों में बेचकर मालामाल हो रहे हैं.

कस्बे के हाइवे से स्टेशन रोड पर बनी बंधी में सिंचाई विभाग ने पूर्व आईजी को करीब 1400 वर्ग फीट सरकारी बंधी पर कब्जा करना दिखाया है.

वही अब इस जगह पर आलीशान भवन, लाज व शोरूम बने हुए हैं. सींचपाल की रिपोर्ट के आधार पर अभी तक प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की है. वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद सिंचाई विभाग ने इन अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करके अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए है.

लेकिन समय अवधि बीत जाने के बाद भी किसी ने अतिक्रमण नहीं हटाया है. कस्बे में जल संरक्षण के लिए उत्तर साइड में करीब पांच दशक पूर्व बंधी का निर्माण कराया गया था.

लेकिन सिंचाई विभाग की उदासीनता के चलते दो दशक पूर्व यह बंधी जीर्णशीर्ण हालत में पहुंच गई और लोगों ने इसमें कब्जा करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते कुछ वर्षों में ही इस बंधी को जमींदोज कर लोगों ने भवन आदि बना लिए.

इसमें सबसे बड़ी लापरवाही सिंचाई विभाग की रही. उन्होंने अतिक्रमण के समय इन कब्जाधारियों पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं की.

जब 2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनी और एंटी भूमाफिया के तहत कार्यवाही शुरू की गई तो इस बंधी पर भी अतिक्रमण का राज खुला.

एंटी भूमाफिया के तहत  9 मार्च 2018 को हुई बैठक में जिलाधिकारी ने इस बंधी पर कब्जा करने वालों की सूची मांगने के साथ सिंचाई विभाग को कार्यवाही करने के आदेश दिये.

लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की. सिर्फ प्रशासन को अतिक्रमणकारियों की सूची उपलब्ध कराई थी.

जिसमें सुमेरपुर चौकी के सींचपाल संजय प्रताप सरोज ने 12 अक्टूबर 2017 को 90 लोगों की सूची बनाई. जिसमें पूर्व आईजी प्रेमनारायण द्विवेदी को 1529/2 में करीब 1400 वर्ग फीट पर अतिक्रमण करना दिखाया है.

इसी तरह कैलाश दुबे को 305 वर्ग फीट, रामअवतार शिवहरे 1050 वर्ग फीट, हृदेश कुमार मिश्रा को 1050 वर्ग फीट सहित अन्य लोगों पर 3.12 एकड़ में जमीन कब्जा करना दिखाया है.

पूर्व आईजी को दिखाए गए कब्जे की भूमि पर मौजूदा समय मे बहुमंजिला मकान होने के साथ लाज व शोरूम बने हुए हैं.

इस बंधी के अस्तित्व को बचाने के लिए श्यामबाबू ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी. जिस पर 9 जुलाई को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया कि सरकारी बंधी पर कब्जा करने वालों से खाली कराई जाए.

इस पर सिंचाई विभाग महोबा के अधिशाषी अभियंता ने कब्जाधारियों को 14 सितंबर को नोटिस जारी कर 15 दिनों में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे.

लेकिन समय अवधि पूरी हो जाने के बावजूद किसी भी कब्जा धारक में अपना कब्जा नहीं हटाया है. अब देखना है कि सिंचाई विभाग इन कब्जाधारकों के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है.

पूर्व आईजी के अधिवक्ता संजय श्रोत्रिय बुलन्दशहर ने बताया कि उनका बंधी में किसी तरह का कब्जा नहीं था. खतौनी के मुताबिक उनकी जमीन मौके पर कम थी.

उन्होंने अपनी जमीन का बैनामा कराया था. अगर किसी ने उनके बैनामे की आड़ में बंधी में कब्जा कर लिया है तो विभाग उनके खिलाफ कार्यवाही करें.

उनसे इससे कोई लेना देना नहीं है. विभाग के अवर अभियंता राजेश ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन हरहाल में कराया जाएगा.

उधर नोटिस मिलने पर बैनामा कराकर भवन बनाने वाले लोग हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्च बेंच में अपील करने की रणनीति बना रहे है।

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