उत्तराखंडः सटीक अनुमान में मौसम विभाग फेल, दून में बारिश से भारी तबाही; हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान पर

दिल्लीः

समय से स्कूलों में छुट्टी घोषित नहीं की जा सकी, कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों को अपने पूर्व नियत कार्यक्रम रद्द कर तबाही के शिकार घटनास्थलों पर जाना पड़ा और आम लोगों को जो मुसीबत हुई, सो तो हुई ही. ये सब इसलिए हुआ क्योंकि मौसम विभाग सटीक भविष्यवाणी देने में एक बार फिर फिसड्डी साबित हुआ. भारी बारिश के अलर्ट में देहरादून को शामिल नहीं किया गया था, जबकि यहां भारी तबाही हुई है. कहीं बादल फट गया है, तो कहीं कोई गांव डूब गया है. सड़कें और पुल धराशायी हो रहे हैं. यहां नदियां भी उफन रही हैं. इसी तरह अलर्ट में हरिद्वार का ज़िक्र भी नहीं था, लेकिन यहां भी गंगा विकराल रूप में दिख रही है.

पहले आपको दून में हो रही तबाही के बारे में बताते हैं. रायपुर क्षेत्र के सरखेत गांव में रात करीब पौने तीन बजे भारी बारिश के बीच बादल फटने से चार से पांच घरों में मलबा घुस गया. एक रिसॉर्ट बह गया, तो सरखेत के प्रधान के अनुसार ग्राम बेसवाड़ में दो मकान बह गए. यहां कुछ मवेशी भी पानी के तेज बहाव में बहे. सूचना मिलते ही रात एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुई लेकिन, मालदेवता के पास सड़क बंद होने के कारण टीम को पैदल ही गांव तक जाना पड़ा. इधर, तेज बारिश से रायपुर से जौलीग्रांट जाने वाले हाईवे पर पुल टूटने से रूट डायवर्ट किया जा रहा है.

दून में तबाही के मंज़र और भी हैं. तेज बारिश से भारी नुकसान की खबरें लगातार आ रही हैं और दून से सटे टिहरी ज़िले के बाॅर्डर इलाके भी प्रभावित हैं. सकलाना पट्टी के घेना और ताल गांव में बांदल नदी के उफान से पानी घुस गया. गांव जलमग्न हुआ तो लोगों ने बमुश्किल अपनी जान बचाई. वहीं, मसूरी के प्रसिद्ध केम्प्टी फाॅल से भी पर्यटकों व दुकानदारों को हटाया गया और उत्तराखंड पुलिस ने लोगों को झरने के पास जाने से मना किया.

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