नहीं सामने आ सका तीन बच्चों की मौत का कारण

. पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सक भी नहीं जान पाए राज
. सोते समय जहरीला कीड़ा काटने से मौत हुई रही चर्चा
. मृतकों की बड़ी बहन रचना का किया जा रहा है उपचार

बांदा। रक्षाबंधन पर्व के ठीक पहले ज्योति नगर में रहने वाले राजपूत परिवार के तीन बच्चों की बेड पर सोते समय हालत बिगड़ जाने पर अस्पताल लाया गया था। वहां पर इकलौते पुत्र और दो बहनों की मौत हो गई थी। जबकि बड़ी बहन की हालत गंभीर होने पर उसका उपचार किया जा रहा है।

इधर तीनों मृतक बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम चिकित्सकों ने किया। लेकिन इन बच्चों की मौत की वजह सामने नहीं आ सकी है। चिकित्सकों की मानें तो मृतकों के शरीर में कहीं भी जहरीला कीड़ा काटने का निशान नहीं मिला है।
शहर के ज्योति नगर में रहने वाले कामता राजपूत के इकलौते पुत्र अमन और दो बेटियों रक्षा व दीक्षा की बेड पर सोते समय संदिग्ध परिस्थितियांे में हालत बिगड़ गई थी। बताया गया था कि जहरीला कीड़ा काटने से बच्चों की हालत बिगड़ी है। उन्हें जिला अस्पताल लाया गयाए वहां से रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज रेफर किया गया।

वहां पर अमनए रक्षा और दीक्षा की मौत हो गई। जिस बेड पर अमन आदि सो रहे थेएउसी बेड पर सबसे बड़ी बहन रचना भी सो रही थी। उसकी भी हालत बिगड़ गई। उसको भी अस्पताल लाया गया। मेडिकल कालेज रेफर किए जाने के बाद रचना को गंभीर हालत मेें आईसीयू में रखा गया। अब भी रचना का उपचार किया जा रहा है।

तीन बच्चों की मौत के बाद जहां कामता राजपूत और उसका परिवार बदहवास हालत में हैए वहीं बच्चों की मौत का कारण अब तक पता नहीं चल सका है इसको लेकर चर्चाएं हो रही हैं और अंदाजा लगाया जा रहा है। तीनो बच्चों के शवों का चिकित्सकों ने बारीकी के साथ पोस्टमार्टम किया।

लेकिन इन बच्चों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों के शरीर में कहीं भी जहरीला कीड़ा काटे जाने का निशान नहीं मिला है। जबकि मृतक बच्चों के परिजनों का कहना था कि सोते समय जहरीला कीड़ा काटने की वजह से उनके बच्चों की हालत बिगड़ी थी।

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