धूमधाम से मनी चंद्रशेखर आजाद की जयंती

हमीरपुर। वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अंतर्गत जरा याद करो कुर्बानी के तहत मां भारती के एक बेजोड़ लाडला चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने कहा कि आजाद भारत माता के एक समर्पित सूरमा थे, इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है, चन्द्रशेखर आजाद बचपन से ही देशभक्त थे, यह छात्र जीवन में आंदोलन में कूदे थे।

जिसके कारण इन्हें 15 वोटों की सजा मिली थी और आजाद बिल्कुल नहीं डरे थे। यही बालक आगे चलकर के भारतीय क्रांति के शिरोमणि सूरमा बने, उस समर इन्होंने अपना नाम आजाद बताया था, तभी से ये आजाद कहे जाने लगे। चन्द्रशेखर आजाद का 1925 की काकोरी घटना, सान्डर्स वध, असेंबली बम कान्ड और एचआरएसए के गठन में अहम भूमिका थी, ये क्रातिकारी दल के अगुवाकार थे।

आगे चलकर इनकी शहादत 1931 में इलाहाबाद के एल्फ्रेड पार्क मे हुई, इस क्रातिचेता को भुलाया नही जा सकता है। कार्यक्रम मे अवधेश कुमार गुप्ता एडवोकेट, अशोक अवस्थी, रमेशचंद गुप्त, चित्राशु खरे, लखन, रमेश कुशवाहा आदि शामिल रहे।

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