जो बाइडेन ईरान पर सख्त होने के लगातार दें रहे संदेश
दिल्लीः अपनी मिडिल ईस्ट की यात्रा शुरू करने के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि वह ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए अंतिम उपाय के रूप में सेना का प्रयोग करेंगे.
मंगलवार को वॉशिंगटन से मिडिल ईस्ट की यात्रा पर निकलने से पहले इज़राइल के चैनल 12 टीवी को एक इंटरव्यू दिया. इसमें जो बाइडन ने साफ़ किया कि वह ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को अमेरिकी विदेशी आतंकवादी संगठनों (FTO) की सूची में रखेंगे. फिर चाहे इसके चलते वर्ष 2015 में हुई ईरान न्यूक्लियर डील ही क्यों न रद्द हो.
बाइडन के पिछले बयान का जिक्र करते हुए पत्रकार ने जब पूछा कि क्या वह ईरान के खिलाफ सेना का उपयोग करेंगे, तो बाइडन ने इसका उत्तर हां में दिया. बाइडन ने कहा कि अगर वह आखिरी उपाय होगा तो वह बल का उपयोग कर ईरान को रोकेंगे.
ईरान ने परमाणु हथियार बनाने से इनकार करते हुए कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है.
आपको बता दें कि वर्ष 2015 में आर्थिक प्रतिबंधों से राहत के लिए ईरान ने विश्व की 6 बड़ी शक्तियों के साथ मिलकर ईरान न्यूक्लियर डील पर साइन किये थे. डील के कारण ईरान के लिए परमाणु हथियार बनाना बेहद कठिन हो गया था.
हालांकि, 2016 में ट्रंप के सत्ता पर आने के बाद उन्होंने डील को दरकिनार करते हुए ईरान पर एक बार फिर कठोर प्रतिबन्ध लगा दिए. प्रतिबन्ध लगने से नाराज ईरान ने समझौते की शर्तो का उल्लंघन करना शुरू कर दिया.
वहीं, डील को पुनर्जीवित करने के सवाल पर अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि इसकी संभावना बहुत कम है. दो सप्ताह पहले दोहा में संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच अनौपचारिक बैठक हुई थी. अधिकारी के मुताबिक अब तक समझौते को पुनर्जीवित करने के प्रयास विफल रहे है.